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म्यांमार हिंसा: रोहिंग्या विद्रोहियों का युद्धविराम का ऐलान, 3 लाख रोहिंग्या कर चुके हैं पलायन

म्यांमार के राखाइन में बीते दो सप्ताह से हुई हिंसा के बाद रोहिंग्या विद्रोही समूह ने अस्थाई रूप से युद्धविराम का ऐलान किया है। विद्रोही समूह आराकन रोहिंग्या साल्वेशन आर्मी (एआरएसए) ने मानवीय संक को कम करने के लिए एक महीने की अवधि के लिए युद्धविराम का ऐलान किया है।

Updated on: 10 Sep 2017, 05:15 PM

highlights

  • म्यांमार के राखाइन में बीते दो सप्ताह से हुई हिंसा के बाद रोहिंग्या विद्रोही समूह ने अस्थाई रूप से युद्धविराम का ऐलान किया है
  • म्यामांर के राखाइन में जारी हिंसा की वजह से मानवीय संकट पैदा हो गया है और 2,90,000 रोहिंग्या म्यांमार से पलायन कर चुके हैैं

नई दिल्ली:

म्यांमार के राखाइन में बीते दो सप्ताह से हुई हिंसा के बाद रोहिंग्या विद्रोही समूह ने अस्थाई रूप से युद्धविराम का ऐलान किया है। विद्रोही समूह आराकन रोहिंग्या साल्वेशन आर्मी (एआरएसए) ने मानवीय संक को कम करने के लिए एक महीने की अवधि के लिए युद्धविराम का ऐलान किया है।

देर रात जारी बयान के मुताबिक, यह युद्धविराम रविवार से शुरू होगा और नौ अक्टूबर तक प्रभावी रहेगा।

एआरएसए की ओर से जारी बयान में सभी पीड़ितों की मानवीय सहायता का आग्रह किया गया है।

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गौरतलब है कि म्यामांर के राखाइन में जारी हिंसा की वजह से मानवीय संकट पैदा हो गया है और अब तक 2,90,000 रोहिंग्या को भागकर बांग्लादेश में शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ा है।

इस बयान में म्यांमार सरकार से सभी सैन्य अभियानों को बंद कर पीड़ितों की मदद के लिए चलाए गए अभियानों में हिस्सा लेने को कहा गया है।

म्यांमार के लिए मानवाधिकारों की संयुक्त राष्ट्र की विशेष दूत यांगही ली ने शुक्रवार को बताया था कि बीते दो सप्ताह से हुई हिंसा में 1,000 लोग मारे गए हैं। हालांकि म्यांमार सरकार ने कहना है कि सिर्फ 421 लोगों की ही मौत हुई है।

रोहिंग्या मामले पर प्रशांत भूषण की याचिका के खिलाफ पूर्व बीजेपी नेता गोविंदाचार्य भी पहुंचे सुप्रीम कोर्ट