पाकिस्तान की सरकारी मीडिया ने जम्मू-कश्मीर के मौसम का पूर्वानुमान देना शुरू किया

पाकिस्तान की सरकारी मीडिया ने रविवार को जम्मू-कश्मीर के मौसम की विस्तृत जानकारी देने की शुरुआत की. यह कदम भारत द्वारा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के मौसम का पूर्वानुमान जारी करने की शुरुआत के कुछ दिन बाद उठाया गया है.

पाकिस्तान की सरकारी मीडिया ने रविवार को जम्मू-कश्मीर के मौसम की विस्तृत जानकारी देने की शुरुआत की. यह कदम भारत द्वारा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के मौसम का पूर्वानुमान जारी करने की शुरुआत के कुछ दिन बाद उठाया गया है.

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Yogendra Mishra
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Imran Khan

प्रतीकात्मक फोटो।( Photo Credit : फाइल फोटो)

पाकिस्तान की सरकारी मीडिया ने रविवार को जम्मू-कश्मीर के मौसम की विस्तृत जानकारी देने की शुरुआत की. यह कदम भारत द्वारा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के मौसम का पूर्वानुमान जारी करने की शुरुआत के कुछ दिन बाद उठाया गया है. सरकारी रेडियो पाकिस्तान ने रविवार को बताया कि जम्मू-कश्मीर के अधिकतर हिस्सों में आंशिक रूप से बादल छाए रहेंगे और बारिश की संभावना है.

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इसके साथ ही श्रीनगर, पुलवामा, जम्मू और लद्दाख के अधिकतम और न्यूनतम तापमान की भी जानकारी दी गई है. उल्लेखनीय है कि रेडियो पाकिस्तान कश्मीर की खबरों को विशेष स्थान देता है और उसकी वेबसाइट जम्मू-कश्मीर की खबरों को समर्पित है.

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सरकारी पाकिस्तान टेलीविजन भी जम्मू-कश्मीर की खबरों को लेकर विशेष बुलेटिन प्रसारित करता है. माना जा रहा है कि भारतीय मीडिया में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के मौसम की जानकारी देने के बाद पाकिस्तानी मीडिया में कश्मीर को लेकर और अधिक खबरें प्रसारित की जाएगी.

पाकिस्तान ने शुक्रवार को भारत द्वारा मीरपुर, मुजफ्फराबाद और गिलगित-बाल्टिस्तान के मौसम की जानकारी देने के कदम को खारिज करते हुए कहा कि इसकी कोई कानूनी मान्यता नहीं है और यह क्षेत्र की स्थिति बदलने की कोशिश है.

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पाकिस्तान के विदेश विभाग ने अपने बयान में कहा कि पिछले साल भारत द्वारा जारी ‘राजनीतिक मानचित्र’ की तरह इस कदम की भी कोई कानूनी मान्यता नहीं है और यह वास्तविकता के विपरीत और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के संबंधित प्रस्ताव का उल्लंघन है. गौरतलब है कि भारत ने पिछले साल नवंबर में नया मानचित्र जारी किया था जिसमें पाकिस्तान के कब्जे वाली कश्मीर घाटी को नवगठित जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश का हिस्सा जबकि गिलगित-बाल्टिस्तान को केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के हिस्से के तौर पर दिखाया गया है.

Source : Bhasha

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