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Climate Change: अगली सदी में असामयिक मौत का शिकार हो सकते हैं 100 करोड़ लोग, ये है वजह

Climate Change: ग्लोबल वार्मिंग के चलते वैश्विक तापमान में अगर दो डिग्री सेल्सियस का इजाफा होता है तो अगली सदी में करीब एक अरब यानी 100 करोड़ लोग असामयिक मृत्यु का शिकार हो जाएंगे.

Updated on: 30 Aug 2023, 09:03 AM

highlights

  • इंसान की जिंदगी पर भारी पड़ रहा जलवायु परिवर्तन
  • अगली सदी में हो सकती है एक अरब लोगों की असामयिक मौत
  • एनर्जीज जर्नल में प्रकाशित रिपोर्ट में हुआ खुलासा

 

New Delhi:

Climate Change: पूरी दुनिया के लिए जलवायु परिवर्तन चिंता का विषय बना हुआ है. बढ़ती जनसंख्या, विकास की अंधी दौड़ में इंसान लगातार अपने अस्तित्व की खत्म करने की ओर बढ़ता जा रहा है. वाहनों और लगातार हो रहे फैक्ट्रियों का विस्तार इंसान की सांसों में जहर घोल रहा है. बावजूद इसके रोकथाम के उपाय न के बराबर किए जा रहे हैं. ऐसे में हमें भविष्य के भारी नुकसान को कम करने और मानव जीवन को बचाने के लिए कई अहम कदम उठाने की जरूरी है. जिनमें नवीकरणीय ऊर्जा के लिए अधिक सकारात्मक को दृष्टिकोण अपनाने के अलावा जीवाश्म ईंधन पर रोक लगाने जैसे अहम कदम शामिल हैं.

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100 करोड़ लोगों की जाएगी जान

इस बीच आई एक रिपोर्ट दुनियाभर के देशों की चिंता बढ़ा दी है. जिसमें दावा किया गया है कि ग्लोबल वार्मिंग के चलते वैश्विक तापमान में अगर दो डिग्री सेल्सियस का इजाफा होता है तो अगली सदी में करीब एक अरब यानी 100 करोड़ लोग असामयिक मृत्यु का शिकार हो जाएंगे. शोधकर्ताओं के मुताबिक, तेल और गैस उद्योग प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से 40 फीसदी से ज्यादा कार्बन उत्सर्जन कर रहा है. इसके चलते अरबों लोगों का जीवन प्रभावित हो रहा है. इनमें सबसे अधिक दुनिया के सबसे गरीब तबके के लोग शामिल हैं.

एनर्जीज जर्नल में प्रकाशित हुई रिपोर्ट

ये अध्ययन एनर्जीज जर्नल में प्रकाशित हुआ है. जिसमें कार्बन उत्सर्जन में तत्काल कमी लाने के उपायों पर जोर दिया गया है. इसके साथ ही इसमें सरकार, कॉर्पोरेट और नागरिकों के स्तर पर तेजी से कार्रवाई करने की सिफारिश की गई है. इस अध्ययन में कनाडा के वेस्टर्न ओंटारियो विश्वविद्यालय के प्रोफेसर जोशुआ पीयर्स शामिल हैं. पीयर्स ने कहा है कि जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए हमें तेज कार्रवाई करने की जरूरत है.

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नवीकरण ऊर्जा पर काम करने की आवश्यकता

शोध में कहा गया है कि भविष्य में होने वाले भारी नुकसान से बचने और उसे कम करने और मानव जीवन को बचाने, मानवता को ऊर्जा दक्षता को बढ़ाने, नवीकरणीय ऊर्जा के लिए अधिक सकारात्मक को दृष्टिकोण अपनाने और जीवाश्म ईंधन को जल्द से जल्द रोकने की जरूरत है. इसमें कहा गया है कि भविष्य में क्या होने वाला है इसके बारे में कह पाना मुश्किल है लेकिन ऐसी आशंका है कि जलवायु परिवर्तन के चलते 10 में से एक इंसान इसके चलते अपनी जान से हाथ धो बैठेगा.