अफ्रीकी देश माली में विद्रोही सैनिकों का कब्जा, राष्ट्रपति को बंधक बना जबरन लिया गया इस्तीफा, प्रधानमंत्री भी हिरासत में
पश्चिमी अफ्रीकी देश माली में राजनीतिक संकट अचानक से बढ़ गया. सैनिकों ने विद्रोह कर तख्तापलट कर दिया है. विद्रोहियों ने माली के राष्ट्रपति इब्राहिम बाउबकर कीता और प्रधानमंत्री बौबोऊ सिस्से को बंधक बना लिया.
बमाको:
पश्चिमी अफ्रीकी देश माली में राजनीतिक संकट अचानक से बढ़ गया. सैनिकों ने विद्रोह कर तख्तापलट कर दिया है. विद्रोहियों ने माली के राष्ट्रपति इब्राहिम बाउबकर कीता और प्रधानमंत्री बौबोऊ सिस्से को बंधक बना लिया. इतना ही नहीं, विद्रोही सैनिकों ने जबरन राष्ट्रपति इब्राहिम बाउबकर कीता इस्तीफा भी ले लिया है. बंधक बनाए जाने के बाद बाउबकर कीता ने अपने पद से इस्तीफा देने का ऐलान किया है. समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, विद्रोही सैनिकों द्वारा बंदूक के दम पर हिरासत में लिए जाने के बाद माली के राष्ट्रपति ने इस्तीफा देते हुए संसद भंग करने की घोषणा कर दी है.
Mali President Ibrahim Boubacar Keita resigns and dissolves parliament hours after mutinying soldiers detained him at gunpoint: Reuters
— ANI (@ANI) August 19, 2020
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माली में राष्ट्रपति इब्राहिम बाउबकर कीता के पद से हटने की मांग को लेकर कई महीने तक प्रदर्शन चल रहा था. मंगलवार को इस प्रदर्शन ने बड़ा रूप ले लिया और सेना सरकार के विरोध में उतर आई. विद्रोही सैनिकों ने राष्ट्रपति के आवास का घेराव किया और तख्तापल्ट की संभावित कोशिश के तहत हवा में गोलीबारी करते हुए उन्हें और प्रधानमंत्री बौबोऊ सिस्से को बंधक बना लिया. बमाको की सड़कों पर सैनिक मुक्त होकर घूमे जिससे यह और स्पष्ट हो गया कि राजधानी शहर पर उनका नियंत्रण हो गया है.
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सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों ने सैनिकों के कार्यों की सराहना की. कुछ ने एक इमारत में आग लगा दी जो माली के न्याय मंत्री से संबंधित है. वैसे सैनिकों की ओर से तत्काल कोई बयान नहीं आया है. इस संबंध में एक क्षेत्रीय अधिकारी ने इस बात की पुष्टि की है कि राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को मंगलवार शाम बंधक बना लिया गया. उधर, प्रधानमंत्री बौबोऊ सिस्से ने सैनिकों से अपने हथियार डालने का आग्रह किया और उनसे सबसे पहले देश के हित में सोचने की अपील की. प्रधानमंत्री ने कहा, 'ऐसी कोई समस्या नहीं है जिसका समाधान बातचीत के जरिए नहीं किया जा सकता है.'
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इससे पूर्व दिन में सशस्त्र लोगों ने देश के वित्त मंत्री अब्दुलाय दफे समेत अधिकारियों को हिरासत में ले लिया और इसके बाद सरकारी कर्मी अपने कार्यालयों से भाग गए. माली के आंतरिक सुरक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, 'अधिकारियों को गिरफ्तार किया जा रहा है, इसे लेकर अभी संशय की स्थिति है.' माली के राष्ट्रपति को लोकतांत्रिक रूप से चुना गया था और उन्हें पूर्व उपनिवेशवादी फ्रांस और अन्य पश्चिमी सहयोगियों से व्यापक समर्थन प्राप्त है. इस बीच, अमेरिका ने कहा है कि वह माली में बिगड़ती स्थिति को लेकर चिंतित है.
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