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PM मोदी ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा लेने पहुंचे चीन, भारतीय लोगों से की मुलाकात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शिएमेन में नौंवे ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए रविवार को चीन पहुंचे हैं। वह इस दौरान चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मेजबानी में एमर्जिंग मार्केट्स एंड डेवलपिंग कंट्रीज डायलॉग में शिरकत करेंगे।

Updated on: 03 Sep 2017, 11:44 PM

highlights

  • नरेंद्र मोदी शिएमेन में नौंवे ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा लेने पहुंचे चीन
  • ब्रिक्स सम्मेलन की शुरुआत चीन के शियामेन में रविवार से हो रही है
  • प्रधानमंत्री ब्रिक्स सम्मेलन के लिए 3 से 5 सितंबर के बीच चीन में रहेंगे

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शिएमेन में नौंवे ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए रविवार को चीन पहुंचे हैं। वह इस दौरान चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मेजबानी में एमर्जिंग मार्केट्स एंड डेवलपिंग कंट्रीज डायलॉग में शिरकत करेंगे।

ब्रिक्स सम्मेलन की शुरुआत चीन के शियामेन में रविवार से हो रही है। फेसबुक और ट्विटर पर पोस्ट किए गए बयान में मोदी ने ब्रिक्स सम्मेलन के बाद म्यांमार यात्रा का भी जिक्र किया और आशा जताई कि इससे द्विपक्षीय संबंध और गहरे होंगे।

प्रधानमंत्री ब्रिक्स सम्मेलन के लिए 3 से 5 सितंबर के बीच चीन में रहेंगे। इसके बाद वह 5 से 7 सितंबर के बीच म्यांमार जाएंगे।

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रवाना होने से पहले मोदी ने कहा, 'भारत को इससे पहले पिछले साल अक्टूबर में गोवा में इस सम्मेलन की मेजबानी का मौका मिला था। मैं अब गोवा सम्मेलन के नतीजों की उम्मीद कर रहा हूं। मैं सकारात्मक नतीजों एवं फलदायी बातचीत की भी आशा करता हूं जिससे चीन की अध्यक्षता में मजबूत ब्रिक्स साझेदारी के एजेंडे को समर्थन मिले।'

प्रधानमंत्री ने कहा, 'हम पांचों देशों के उद्योगों के प्रमुखों द्वारा आयोजित ब्रिक्स व्यापार परिषद से भी संवाद करेंगे। इसके अलावा मैं पांच सितंबर को राष्ट्रपति जिनपिंग की अध्यक्षता में आयोजित उभरते बाजार एवं विकासशील देशों की वार्ता कार्यक्रम में ब्रिक्स देशों के अलावा नौ अन्य देशों के नेताओं के साथ शामिल होऊंगा।'

मोदी ने कहा कि वह सम्मेलन के इतर नेताओं से द्विपक्षीय वार्ता भी करेंगे। उनका यह दौरा डोकलाम को लेकर भारत और चीन के बीच लगभग दो महीने से चल रहे गतिरोध के बाद हो रहा है।

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मोदी राष्ट्रपति भवन में शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने के बाद चीन रवाना हो गए। इस दौरान मंत्रिमंडल में नौ मंत्रियों को शामिल किया गया जबकि चार राज्य मंत्रियों को जगह दी गई।

मोदी ने शनिवार को कहा कि भारत ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन, दक्षिण अफ्रीका) में अपनी भूमिका को महत्व देता है। उन्होंने कहा, 'वैश्विक चुनौतियों से निपटने और वैश्विक शांति और सुरक्षा बनाए रखने में ब्रिक्स का अहम योगदान है।'

मोदी ने कहा कि वह ब्रिक्स देशों के साथ नौ अन्य देशों के नेताओं के साथ मिलने को लेकर आशान्वित हैं।

मोदी चीन के बाद मंगलवार को म्यांमार के लिए रवाना होंगे। वह 2014 में आसियान-भारत सम्मेलन में हिस्सा लेने म्यांमार गए थे। मोदी नेपीथा के अलावा बागान और यांगून भी जाएंगे।

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म्यांमार के तीन दिवसीय दौरे के दौरान मोदी राष्ट्रपति यू हटिन क्याव और स्टेट काउंसिलर आंग सान सू की से भी मुलाकात करेंगे।

चीनी राष्ट्रपति से भी मिल सकते हैं मोदी

प्रधानमंत्री सम्मेलन से इतर चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग से भी मुलाकात कर सकते हैं। यह मुलाकात डोकलाम विवाद समाप्त होने के कुछ दिन बाद हो रही है।

ढाई माह तक चले डोकलाम विवाद की वजह से दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने आ गई थी और 15 अगस्त को लद्दाख में दोनों देशों की सेनाओं के बीच झड़प भी हुई थी।

मोदी ने कहा, 'भारत शांति और विकास के लिए ब्रिक्स देशों की साझेदारी को काफी महत्व देता है। ब्रिक्स ने वैश्विक चुनौतियों को सामना करने में और विश्व शांति और सुरक्षा बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।'

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एक अन्य पोस्ट में मोदी ने म्यांमार दौरे का जिक्र किया और कहा कि वह राष्ट्रपति यू हटिन क्याव एवं विदेश मंत्री आंग सान सू की से मुलाकात करने को लेकर उत्सुक हैं।

मोदी ने कहा कि दौरे के दौरान दोनों देशों के नेता द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा करेंगे, खासकर विकास सहयोग एवं भारत द्वारा दी जा रही सामाजिक-आर्थिक सहायता पर चर्चा करेंगे।

एक साथ काम करने के लिए नए क्षेत्रों की भी पहचान की जाएगी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि वह प्रसिद्ध विरासत शहर बगान का दौरा करने को लेकर उत्सुक हैं जहां भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने आनंद मंदिर का पुनर्निमाण किया है। भारत यहां पिछले साल आए भूकंप के बाद कई भित्तिचित्रों एवं पैगोडा के मरम्मत का काम कर रहा है।

उन्होंने कहा, 'मैं अपने दौरे की समाप्ति यंगून में करुंगा। यहां मैं कई ऐतिहासिक जगहों का दौरा करुंगा जो कि भारत-म्यांमार के विरासत को प्रदर्शित करता है। मैं भारतीय मूल के म्यांमार के लोगों से भी मुलाकात एवं बातचीत करने का इच्छुक हूं।'

मोदी ने कहा, 'मुझे इस बात का विश्वास है कि दौरे से भारत-म्यांमार संबंध का नया अध्याय शुरू होगा और इससे हमारी सरकारों, व्यापारिक समुदायों और लोगों के बीच आपसी सहयोग बढ़ेगा।'