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भारत ने पाकिस्तानी अदालत से सजा पूरी कर चुके 4 दोषियों को वापस मांगा

वकील ने कहा, कैदियों की हिरासत अवैध और अन्यायपूर्ण. ऐसा कोई कानूनी आधार नहीं है, जिसके तहत पूर्व दोषियों को सलाखों के पीछे रखा जा सके, इसलिए पूर्व दोषियों को रिहा किया जाना चाहिए और उनके देश में वापस लाया जाना चाहिए ताकि वे अपने परिवारों से मिल सकें

Updated on: 18 Oct 2020, 08:27 AM

इस्लामाबाद:

भारतीय उच्चायोग इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) में पहुंच गया है और उसने पाकिस्तानी जेलों में बंद 4 भारतीय दोषियों की वापसी की मांग की है. इन दोषियों ने अपनी सजा पूरी कर ली है. वकील मलिक शाह नवाज के जरिए दायर की गई याचिका में भारतीय उच्चायोग ने कहा कि वह अदालत से अनुरोध करते हैं कि वे भारतीय कैदियों - बिर्चु, बंग कुमार, सतीश भाग और सोनू सिंह को रिहा कर दें. ये चारों सैन्य अदालतों द्वारा पाकिस्तान में जासूसी और आतंकवाद के दोषी ठहराए जाने के बाद अपनी सजा पूरी कर चुके हैं.

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याचिका में कहा गया है कि कैदियों को पाकिस्तानी सैन्य अधिकारियों द्वारा गिरफ्तार किया गया था और उन पर पाकिस्तान सेना अधिनियम 1954 की धारा 59 और आधिकारिक गुप्त अधिनियम 1923 के तहत आरोप लगाए गए थे. याचिका में कहा गया, "याचिकाकर्ताओं ने कोई अपराध नहीं किया है और गिरफ्तारी से लेकर सजा पूरी होने तक कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग किया गया है, लेकिन उन्हें अब भी जेल में रखना निर्थक है. वे एफजीसीएम द्वारा दी गई सजा की अपनी अवधि को पूरी कर चुके हैं."

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आईएचसी की एकल पीठ ने मामले की सुनवाई की. मामले को आगे की कार्यवाही के लिए मुख्य न्यायाधीश अतहर मिनल्लाह के पास भेजने से पहले कहा, "ऐसे ही अन्य मामले आईएचसी के मुख्य न्यायाधीश के समक्ष लंबित हैं."

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याचिकाकर्ता के वकील ने कहा, "कैदियों की हिरासत अवैध और अन्यायपूर्ण और देश की श्रेष्ठ अदालतों के कानून के खिलाफ है. ऐसा कोई कानूनी आधार नहीं है, जिसके तहत पूर्व दोषियों को सलाखों के पीछे रखा जा सके, इसलिए पूर्व दोषियों को रिहा किया जाना चाहिए और उनके देश में वापस लाया जाना चाहिए, ताकि वे अपने परिवारों से मिल सकें." आईएचसी के मुख्य न्यायाधीश इस मामले की सुनवाई ऐसे ही अन्य मामलों के साथ करेंगे.