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इमरान खान का आरोप - नवाज शरीफ के हैं पीएम मोदी से निजी संबंध

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के विशेष राजनीतिक सहायक शाहबाज गिल (Shahbaz Gill) ने पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ पर भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कारोबारी सज्जन जिंदल के साथ मिले होने का आरोप लगाया है.

Updated on: 05 Oct 2020, 08:59 AM

इस्लामाबाद:

पाकिस्तान (Pakistan) के वजीर-ए-आजम इमरान खान (Imran Khan) की कुर्सी डावाडोल है. ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि कई मसलों पर इमरान खान से इत्तेफाक रखने वाली पाकिस्तानी सेना पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ (Nawaz Sharif) से 'डील' कर रही है. इस कड़ी में अगले कदम बतौर नवाज शरीफ पाकिस्तान लौट रहे हैं. जाहिर है नवाज शरीफ की पाकिस्तान की राजनीति में फिर से वापसी होने से प्रधानमंत्री इमरान खान की कुर्सी हिलने लगी है. डैमेज कंट्रोल में उतरे इमरान खान के मंत्री और सहायकों ने ऐसे में नवाज शरीफ के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. इस कड़ी में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के विशेष राजनीतिक सहायक शाहबाज गिल ने पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ पर भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और कारोबारी सज्जन जिंदल के साथ मिले होने का आरोप लगाया है.

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शरीफ इसलिए बना रहे सेना को निशाना
राजनीति में सेना के दखल के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले नवाज शरीफ पर देशद्रोह के आरोप लगाते हुए गिल ने कहा कि पीएमएल-एन सुप्रीमो नवाज शरीफ सेना को इसलिए निशाना बना रहे हैं क्योंकि सेना ने उन्हें मोदी और जिंदल से लिंक और देशद्रोही गतिविधियों के लिए सवाल किया था. गिल ने यह भी आरोप लगाया कि शरीफ और उनकी सरकार कुलभूषण जाधव को पकड़े जाने की घोषणा करने को तैयार नहीं थी. (रिटायर्ड) लेप्टिनेंट जनरल असीम सलीम बाजवा ने नवाज शरीफ सरकार को मनाने के लिए बहुत कोशिश की, क्योंकि सेना की ओर से इसकी घोषणा से संदेश जाता कि पाकिस्तान की सरकार इसमें साथ नहीं है.

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काठमांडु में मिले थे मोदी-शरीफ
भारतीय पत्रकार बरखा दत्त की किताब का जिक्र करते हुए गिल ने कहा कि नवाज शरीफ ने नेपाल की राजधानी काठमांडू में मोदी के साथ सीक्रेट मुलाकात की थी. उन्होंने कहा कि उस दौरान पीएम ने पाकिस्तानी डिप्लोमैट्स को आदेश दिया था कि वे भारत के खिलाफ कोई बयान ना दें. गिल ने कहा, 'नवाज शरीफ ने रक्षा संस्थाओं को किनारे करके मोदी और जिंदल से अकेले में मुलाकात की थी. जब उनसे सवाल किए गए तो उन्होंने सेना को टारगेट करना शुरू कर दिया और लोकतंत्र के नारे लगाने लगे.'

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लंदन में भारतीय दूतावास में बैठक
पीएम इमरान के राजनीतिक सलाहकार शाहबाग गिल इतने पर ही नहीं रूके. उन्होंने दो कदम आगे बढ़ते हुए आरोप लगाया कि उनकी सरकार को लंदन में एक देश के दूतावास के अंदर नवाज शरीफ की हाल की बैठकों के बारे में भी जानकारी थी. गिल ने आरोप लगाया कि जब पठानकोट की घटना हुई थी, तब भारत के बिजनेसमैन जिंदल की तरह ही नवाज शरीफ ने बयान दिया था. उन्होंने पूछा कि हमले को लेकर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री का बयान कहां था? शाहबाज गिल ने दावा किया कि नवाज शरीफ और उनके परिवार के भारतीयों के साथ व्यक्तिगत व्यापारिक संबंध थे. उन्हें इन संपर्कों से भी फायदा हुआ.