UNHRC में पाकिस्तान-अफगानिस्तान का 'काला चेहरा' इस महिला ने दिखाया, कही ये बात
मानवाधिकार कार्यकर्ता कुर्बान अली ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद सत्र में अफगानिस्तान (Afghanistan) और पाकिस्तान (Pakistan) में अल्पसंख्यकों के साथ हो रहे उत्पीड़न को लेकर गुहार लगाई है.
नई दिल्ली:
स्विटरजलैंड के जिनेवा में इन दिनों संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) का 43 सत्र चल रहा है. मानवाधिकार कार्यकर्ता कुर्बान अली ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद सत्र में अफगानिस्तान (Afghanistan) और पाकिस्तान (Pakistan) में अल्पसंख्यकों के साथ हो रहे उत्पीड़न को लेकर गुहार लगाई है. कुर्बान अली ने अल्पसंख्यकों (Minorities) पर हो रहे उत्पीड़न को रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से दखल देने की मांग की है.
कुर्बान अली ने कहा कि पाकिस्तान में भी अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न हो रहा है. वहां भी तालिबान है. पाकिस्तान में सुन्नी चरमपंथी समूह है जो हजारा समुदाय को निशाना बनाते हैं क्योंकि वे शिया हैं. हजारा लोगों को क्वेटा के खुले जेल में रखा जा रहा है. जहां उनकी कोई सुरक्षा का इंतजाम तक नहीं है.
Derakhshan Qurban Ali, a human rights activist in Geneva: There is also Taliban in Pakistan, but in Pakistan there are Sunni extremist groups that target Hazaras because they are Shia. Hazaras are essentially living in open jail in Quetta, Pakistan & don’t have security. (2/2) https://t.co/OvZR78UdGE
— ANI (@ANI) March 8, 2020
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पाकिस्तान अफगानिस्तान में हजारा समुदाय के साथ हो रहा अत्याचार
मानवाधिकार कार्यकर्ता कुर्बान अली ने पाकिस्तान और अफगानिस्तान में हजारा समुदाय के साथ होने वाले अन्याय की जांच के लिए स्वतंत्रत जांच बिठाने की मांग की. उन्होंने कहा है, 'मुख्य बात ये है कि हजारा लोगों को न्याय नहीं मिलता. हजारा लोगों को निशाना बनाने के आरोपियों में से एक को भी कभी सजा नहीं मिली. नरसंहार या मानवाधिकार के उल्लंघन के लिए कभी भी किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराया गया.'
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बता दें कि कुर्बान अली कनाडा के टोरंटो में रहती हैं. वो हजारा समुदाय के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ लड़ती हैं.
पाकिस्तान में हजारा समुदाय के लिए जलीला हैदर करती हैं काम
इधर, पाकिस्तान में हजारा समुदाया को इंसाफ दिलाने के लिए मानवाधिकार कार्यकर्ता जलीला हैदर को अमेरिका ने अपने 'इंटरनेशनल वूमेन ऑफ करेज अवार्ड' से सम्मानित करने का फैसला किया है. अमेरिकी विदेश मंत्री 12 अन्य महिलाओं के साथ जलीला को इस सम्मान से नवाजेंगे. डॉन की रिपोर्ट में बताया गया है कि अमेरिका के विदेश विभाग ने अपने बयान में जलीला को 'बलोचिस्तान की लौह महिला (द आइरन लेडी ऑफ बलोचिस्तान)' कहकर संबोधित किया है और कहा है कि उन्होंने कमजोर व बेसहारा महिलाओं और बच्चों की मदद के लिए 'वी द ह्यूमन-पाकिस्तान' नाम से एनजीओ बनाया है.
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