पाकिस्तान (Pakistan) के भ्रष्टाचार रोधी निकाय ने भूमि संबंधी एक मामले में पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ, जांग/जियो मीडिया समूह के मालिक मीर शकीलुर रहमान और दो अन्य के खिलाफ लाहौर की जवाबदेही अदालत में भ्रष्टाचार का मामला दायर किया है. राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) ने अपने प्रमुख न्यायाधीश (सेवानिवृत्त) जावेद इकबाल से मंजूरी मिलने के बाद मामला दायर किया. इस मामले में दो अन्य संदिग्ध लाहौर विकास प्राधिकरण (एलडीए) के पूर्व निदेशक हुमायूं फैज रसूल और पूर्व निदेशक (भूमि) मियां बशीर हैं. जवाबदेही अदालत ने सभी प्रतिवादियों को 29 जून के लिए नोटिस जारी किए हैं.
यह भी पढ़ें: पाकिस्तानी अवाम को मरता छोड़ देने वाले इमरान खान को कश्मीरी मुसलमानों की चिंता
ऐसा आरोप है कि 1986 में जब शरीफ पंजाब के मुख्यमंत्री थे तो उन्होंने नियमों का उल्लंघन कर मीर शकीलुर रहमान को लाहौर में 54 कनाल भूमि आवंटित की. रहमान को 12 मार्च को एनएबी ने गिरफ्तार किया था जिसके बाद से वह न्यायिक रिमांड पर हैं. शरीफ और एलडीए के दो अधिकारियों पर नियमों का उल्लंघन कर रहमान को नहर के निकट की कीमती जमीन आवंटित करने के लिए पद का दुरुपयोग करने का आरोप है. शरीफ ने एनएबी के किसी भी सम्मन और सवालों का जवाब नहीं दिया है इसलिए उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया गया और ब्यूरो ने उन्हें घोषित अपराधी करार देने के लिए जवाबदेही अदालत का रुख करने का एलान किया.
यह भी पढ़ें: चीन से भारी तनाव के बीच भारतीय कपड़ा निर्यातकों ने मोदी सरकार से की ये बड़ी मांग
तीन बार प्रधानमंत्री रहे शरीफ नवंबर में लंदन गए थे. लाहौर उच्च न्यायालय ने उन्हें इलाज के लिए चार सप्ताह के वास्ते विदेश जाने की अनुमति दी थी. उन्हें अज-अजीजिया मिल्स भ्रष्टाचार मामले में जमानत दे दी गई थी, जिसमें वह कोट लखपत जेल में सात साल की जेल की सजा काट रहे थे. उन्हें विदेश जाने के लिए धन शोधन के एक मामले में भी जमानत दी गई थी. शरीफ गंभीर ह्रदय रोग से पीड़ित पाए गए थे. शरीफ की बेटी मरियम नवाज ने कहा था कि उनके पिता उच्च जोखिम वाले मरीज हैं इसलिए कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के कारण उनकी सर्जरी टाल दी गई है.
यह वीडियो देखें: