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कोरोना वैक्सीन की बढ़ी उम्मीदें, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी का टेस्ट पहुंचा अगली स्टेज पर

कोरोना वायरस (Corona Virus) के इलाज के लिए उम्मीदें और बढ़ गई हैं. यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड के शोधकर्ता कोरोना की वैक्सीन (Vaccine) पर लगातार रिसर्च कर रहे हैं. यह रिसर्च पहला चरण पूरा करने के बाद दूसरे चरण पर पहुंच चुका है.

Updated on: 23 May 2020, 10:48 AM

लंदन:

कोरोना वायरस के इलाज के लिए अभी तक वैक्सीन या दवा नहीं बन पाई है. दुनिया भर के वैज्ञानिक इसकी दवा बनाने में लगे हैं, यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड के शोधकर्ता कोरोना की वैक्सीन पर लगातार रिसर्च कर रहे हैं. यह रिसर्च पहला चरण पूरा करने के बाद दूसरे चरण पर पहुंच चुका है. दूसरे चरण के परीक्षण में 10 हजार से ज्यादा लोग शामिल होंगे. पहले चरण में 1 हजार लोगों पर परीक्षण किया गया था. शोधकर्ताओं ने शुक्रवार को कोरोना वायरस से बचाव के लिए वैक्सीन पर शुरुआती कामयाबी की पुष्टि करते हुए कहा कि वे मानव स्तर पर टेस्टिंग के दूसरे लेवल में जा रहे हैं.

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गौरतलब है कि वैक्सीन पर परीक्षण का पहला चरण पिछले महीने शुरू हुआ था. इसमें 55 साल के कम उम्र के एक हजार स्वस्थ लोगों पर इस वैक्सीन का परीक्षण किया गया. इसके बाद अब लोगों के इम्यून सिस्टम पर अशर देखने के लिए 70 साल से अधिक और 5 से 12 साल के बच्चों सहित 10 हजार से अधिक लोगों पर इस वैक्सीन का परीक्षण किया जाएगा. वैज्ञानिकों ने कहा कि ChAdOx1 nCoV-19 नाम के वैक्सीन ने बंदरों के साथ छोटे से अध्ययन में कुछ आशाजनक परिणाम दिखाया है.

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बताया जा रहा है कि अभी तक इस वैक्सीन के परिणाम सकारात्मक नजर आए हैं. ChAdOx1 nCoV-19 एक वायरस (ChAdOx1) से बना है, जो एक सामान्य कोल्ड वायरस (एडेनोवायरस) का कमजोर संस्करण है जो कि चिंपैजी में संक्रमण का कारण बनता है, जो आनुवांशिक रूप से ऐसा रहा है कि यह मनुष्यों में दोहराने के लिए असंभव है.