कोरोना वायरस महामारी से मौतों के बढ़ते आंकड़ों के बीच दुनिया भर में किए गए ये उपाय
दुनिया भर में कोरोना वायरस से हुई मौतों का आंकड़ा 15 हजार पहुंचने के बीच सोमवार को इस महामारी से निपटने के लिए वैश्विक उपायों में तेजी दिखी जब कई और राष्ट्रों और शहरों ने असाधारण बंदी लागू की.
रोम:
दुनिया भर में कोरोना वायरस से हुई मौतों का आंकड़ा 15 हजार पहुंचने के बीच सोमवार को इस महामारी से निपटने के लिए वैश्विक उपायों में तेजी दिखी जब कई और राष्ट्रों और शहरों ने असाधारण बंदी लागू की. जर्मनी में जहां दो से ज्यादा लोगों के जुटने पर प्रतिबंध है तो न्यूजीलैंड ने चार हफ्ते के लॉकडाउन की घोषणा की है और हांगकांग ने सभी अनिवासियों के लिये अपनी सीमाएं बंद कर दी हैं. रोकथाम के लिये किये जा रहे इन नए उपायों से इस महामारी को लेकर दुनिया भर में मची अफरा-तफरी को आसानी से समझा जा सकता है.
जुलाई में होने वाले तोक्यो ओलंपिक के स्थगित होने के आसार भी बढ़ते जा रहे हैं, कनाडा ने घोषणा कर दी है कि वह अपने खिलाड़ियों को जापान नहीं भेजेगा, वहीं ऑस्ट्रेलिया ने कहा है कि वह एक साल की देरी के लिये तैयारी कर रहा है. अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वायरस से बुरी तरह प्रभावित क्षेत्रों में हजारों आपातकालीन बेड तैयार करने का आदेश दिया है, वहीं इस बीच अर्थव्यवस्था को बचाने के लिये अरबों डॉलर के राहत पैकेज से जुड़ा प्रस्ताव सीनेट में खारिज हो गया.
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ट्रंप ने कहा, “हम युद्ध में हैं, सही मायने में हम युद्ध में हैं.” एएफपी की एक गणना के मुताबिक रविवार को वायरस के कारण मरने वालों का आंकड़ा 15000 से ज्यादा पहुंच गया है और इसका सबसे ज्यादा असर यूरोप में है. इटली में वायरस से मरने वालों का आंकड़ा रविवार तक 5500 के करीब पहुंच गया. रविवार को ही यहां 651 लोगों की मौत की खबर है. यूरोपीय देश लगातार नागरिकों की आवाजाही को कम से कम करने में लगे हुए हैं, इटली, स्पेन और फ्रांस की तर्ज पर ग्रीस ने भी राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की घोषणा कर दी. जर्मनी में चांसलर एंजेला मर्केल ने रविवार को दो से ज्यादा लोगों के इकट्ठा होने पर प्रतिबंध की घोषणा की.
एक संक्रमित डॉक्टर के संपर्क में आने के बाद से वह खुद पृथक रह रही हैं. यूरोप की तरह ही दुनिया के अन्य देशों में भी बंद पर्यटन उद्योग की कमर तोड़ रहा है. जॉर्जिया द्वारा आपात स्थिति की घोषणा किये जाने के बाद तिबलिसी में होटल मालिक तामरिको सिकरुलिड्जे ने एएफपी को बताया, “यह दिल दुखाने वाला है. हमने सफल पर्यटक मौसम की तैयारी में काफी निवेश किया था.”
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रोम में सप्ताहांत पर पुलिस सड़कों पर गश्त करती दिखी, स्थानीय अधिकारियों द्वारा लोगों के घरों में नहीं रहने की शिकायत किये जाने के बाद इतालवी समुद्र तटों के किनारे भी जांच की गई. पोप ने ऑनलाइन प्रसारित अपनी प्रार्थना में इतालवी नागरिकों से “सभी की भलाई के लिये” पृथक रहने के लिये जारी किये गए दिशानिर्देशों का पालन करने को कहा. स्पेन में प्रधानमंत्री ने कहा कि वह संसद से आपातकाल की स्थिति को 15 दिन और बढ़ाने का अनुरोध करेंगे.
इसके तहत अत्यावश्यक न होने पर लोगों को घरों से निकलने की इजाजत नहीं होती. स्पेन में रविवार को 400 और लोगों की मौत के साथ ही वायरस से मरने वालों का कुल आंकड़ा 1,720 तक पहुंच गया जिससे संकेत मिलता है कि लॉकडाउन पूरी तरह प्रभावी नहीं हो रहा. फ्रांस में मृतकों का आंकड़ा बढ़कर 674 पहुंच गया और यहां लोग घरों के अंदर ही नजर आए. कुछ इलाकों में कर्फ्यू लगाया गया है और पेरिस के मेयर ने कहा कि और सख्त उपाय अपनाए जा सकते हैं. ब्रिटेन में भी ऐसे ही उपाय अपनाए जा रहे हैं और प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने चेतावनी दी है कि इटली जैसे आंकड़े कुछ ही हफ्ते में ब्रिटेन में भी देखने को मिल सकते हैं.
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इस बीच सरकार ने रेलवे का संचालन अपने हाथ में ले लिया है जिससे वायरस के संक्रमण के दौरान आवश्यक आवाजाही करने वालों को कोई परेशानी न हो. अमेरिका की बात करें तो वहां एक तिहाई से ज्यादा नागरिक किसी न किसी तरह के लॉकडाउन का सामना कर रहे हैं. इनमें न्यूयॉर्क, शिकागो और लॉस एंजिलिस शामिल हैं. देश में संक्रमित लोगों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. हालात की गंभीरता इस बात से समझ में आती है कि न्यूयॉर्क के मेयर ने कहा है कि आने वाले 10 दिनों में शहर में जीवन रक्षक प्रणाली (वेंटिलेटर) की कमी हो जाएगी.
दुनिया भर में शेयर बाजारों के बैठ जाने के बीच डेमोक्रेट्स से समर्थन न मिलने के कारण सीनेट में ध्वस्त होती अमेरिकी अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए एक ट्रिलियन डॉलर के प्रस्ताव को मंजूरी नहीं मिल पाई. प्रस्ताव को मंजूरी नहीं मिलने का असर एशियाई बाजारों पर भी दिखा जहां सोमवार को शुरुआती कारोबार में भारी गिरावट दर्ज की गई. ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री ने कहा कि यह बीते कई सालों में हमारी अर्थव्यवस्था को लगा सबसे बड़ा झटका है. उन्होंने कहा कि महामारी से 1930 जैसी मंदी के हालात बन सकते हैं. इस वायरस का प्रसार सबसे पहले पिछले साल चीन में सामने आया.
वुहान से इसका प्रसार पूरी दुनिया में हो गया. चीन ने हालांकि इस वायरस का प्रसार वुहान से होने को लेकर शंका जाहिर की है. चीन में सोमवार को वायरस का स्थानीय स्तर पर कोई मामला दर्ज नहीं किया गया जबकि विदेश से आए 39 लोगों में संक्रमण की बात कही है. चीन के कम्युनिस्ट नेताओं की हालांकि देश और देश के बाहर मामले में पूरी पारदर्शिता नहीं बरतने, खास तौर पर शुरुआत में, को लेकर आलोचना हो रही है. ट्रंप इस मामले में चीन के मुखर आलोचक रहे हैं और उन्होंने इसे “चीनी वायरस” करार दिया. उन्होंने रविवार को कहा, “मैं चीन को लेकर थोड़ा व्यथित हूं, उन्हें इस बारे में हमें बताना चाहिए था.” न्यूजीलैंड ने भी चार हफ्तों के लॉकडाउन की घोषणा की है.
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