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भारत के खिलाफ फिर साथ आ रहे पाकिस्तान-चीन, दिया साथ देने का भरोसा

चीन (China) के कर्ज के मकड़जाल में फंसे पाकिस्‍तान (Pakistan) ने अंततः चीन की धुन पर नाचने का मन बना लिया है.

Updated on: 04 Jul 2020, 02:34 PM

highlights

  • पाकिस्तान के पीएम और विदेश मंत्री ने चीन से मिलाया हाथ.
  • भारत के खिलाफ किसी भी स्थिति में साथ देने का भरोसा.
  • भारत को पाकिस्तान ने फिर दी युद्ध की गीदड़भभकी.

बीजिंग-इस्लामाबाद:

चीन (China) के कर्ज के मकड़जाल में फंसे पाकिस्‍तान (Pakistan) ने अंततः चीन की धुन पर नाचने का मन बना लिया है. इस कड़ी में वजीर-ए-आजम इमरान खान (Imran Khan) ने संकल्प लिया है कि उनकी सरकार किसी भी कीमत पर महत्वाकांक्षी चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) परियोजना को पूरा करेगी. साथ ही चीन के साथ अपनी दोस्ती हर हाल और हर स्थिति में निभाएगी. दूसरी ओर पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी (Shah Mahmood Qureshi) ने अपने चीनी समकक्ष से बात करने के बाद न सिर्फ ड्रैगन की 'वन चाइना' नीति की पक्षधरता की, बल्कि यह भी दोहराया कि एक जैसे संकट और चुनौतियां के समक्ष दोनों सदाबहार देश एक-दूसरे का समर्थन करते आ रहे हैं. उन्होंने चीन को भरोसा दिलाया कि यह परंपरा आगे भी जारी रहेगी.

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शाह कुरैशी ने दिया चीन को हर हाल में साथ देने का भरोसा
पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन के बीच जारी तनातनी के बीच कुरैशी ने अपने चीनी समकक्ष वांग यी से शुक्रवार को फोन पर बात की. इसमें मुख्‍य रूप से चर्चा लाइन ऑफ एक्‍चुअल कंट्रोल (LAC) पर बने हालात पर ही हुई. पाकिस्‍तान ने फिर से 'वन चाइना' पॉलिसी का समर्थन किया है और कहा कि वह 'हांग कांग, ताइवान, तिब्‍बत और जिनझियांग में' चीन का समर्थन करता है. चीनी विदेश मंत्री के साथ बातचीत में कुरैशी ने कहा कि 'भारत के विस्‍तारवादी रवैये से क्षेत्र की शांति भंग हो रही है.' पाकिस्‍तानी विदेश मंत्री ने एक बार फिर कश्‍मीर राग अलापते हुए कहा कि 'कब्‍जाई गई जमीन पर भारत डेमोग्रफी में चेंज करने की कोशिश कर रहा है.' कुरैशी ने वांग को लाइन ऑफ कंट्रोल के हालात के बारे में भी बताया.

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वजीर-ए-आजम ने भी बुलाई सेना और खुफिया अधिकारियों की बैठक
दूसरी तरफ, प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी पैंतरेबाजी शुरू कर दी है. उन्‍होंने सेना और खुफिया संस्थानवों के शीर्ष अधिकारियों की बैठक में भारत-चीन सीमा विवाद पर चर्चा की. सीमा पर भारत ने जिस तरह चीनी फौज के आगे खूंटा गाड़ रखा है, उससे इमरान के दिल में डर बैठ गया है. उन्‍हें लगता है कि कहीं वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनाव के बहाने भारत एलओसी वाला फ्रंट न खोल दे. माना जा रहा है कि संभवतः इसी डर से शुक्रवार को उन्‍होंने इस्‍लामाबाद में मिलिट्री और इंटेलिजेंस के टॉप अधिकारियों की बैठक बुलाई. यह मीटिंग चीन और पाकिस्‍तान के विदेश मंत्रियों की फोन पर बातचीत के बाद हुई।

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शांति की वकालत कर फिर दी भारत को गीदड़भभकी
बाद में जारी बयान में कहा गया कि 'पाकिस्‍तान की संप्रभुता की हर कीमत पर रक्षा की जाएगी. पाकिस्‍तान पड़ोसियों के साथ शांति बनाए रखने में यकीन रखता है मगर हमारे पास अपने लोगों और क्षेत्रीय संप्रुभता को बचाने की इच्‍छाशक्ति और ताकत, दोनों है.' जाहिर है चीन और पाकिस्‍तान मिलकर भारत के खिलाफ दोहरा मोर्चा खोल सकते हैं. दोनों देशों के नेताओं को लगता है कि ऐसा करके वह भारतीय सेना पर बढ़त पाने में कामयाब हो जाएंगे.

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सीपीईसी हर कीमत पर पूरा होगा
इसके साथ ही पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने संकल्प लिया है कि सरकार किसी भी कीमत पर महत्वाकांक्षी चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) परियोजना को पूरा करेगी और देश को इसके लाभ देगी. डॉन न्यूज के मुताबिक, खान ने सीपीईसी परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा के लिए शुक्रवार को हुई बैठक में कहा, 'यह गलियारा पाकिस्तान-चीन दोस्ती का प्रतीक है और सरकार किसी भी कीमत पर इसे पूरा करेगी और हर पाकिस्तानी को इसका लाभ देगी.' सीपीईसी चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की 'बेल्ट एंड रोड' पहल का 62 अरब डॉलर की एक परियोजना है, जिसका उद्देश्य एशिया, अफ्रीका और यूरोप को राजमार्गों, रेल लाइनों और समुद्री लेन के विशाल नेटवर्क से जोड़ना है.