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चीन की एक और शिकस्त, नहीं बच सकेगा कोरोना संक्रमण की जिम्मेदारी से

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की एक टीम कोरोना वायरस (Corona Virus) के स्रोत और इंसानों में उसके प्रचार-प्रसार के आरोपों की जांच करने अगले सप्ताह चीन खासकर वुहान (Wuhan) का दौरा करेगी.

Updated on: 04 Jul 2020, 01:13 PM

highlights

  • कोरोना वायरस के स्रोत पर दुनिया का दबाव आया काम.
  • चीन कोविड-19 संक्रमण के स्रोत की जांच पर राजी.
  • अगले सप्ताह जाएगा वुहान विश्व स्वास्थ्य संगठन का दल.

बीजिंग:

अंततः सदस्य देशों के दबाव के आगे झुकते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की एक टीम कोरोना वायरस (Corona Virus) के स्रोत और इंसानों में उसके प्रचार-प्रसार के आरोपों की जांच करने अगले सप्ताह चीन खासकर वुहान (Wuhan) का दौरा करेगी. गौरतलब है कि अमेरिका समेत दुनिया के तमाम देश कोविड-19 (COVID-19) संक्रमण के कारणों और प्रसार के लिए जानकारियां साझा नहीं करने को लेकर बीजिंग प्रशासन को कठघरे में खड़ा कर सीधा आरोप लगाते आए हैं. इस मसले पर विश्व स्वास्थ्य संगठन में बकायदा एक प्रस्ताव भी पारित किया जा चुका है.

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छह महीने देरी से जा रहा जांच दल
हालांकि टीम का वुहान दौरा उस जानकारी के छह महीने बाद हो रहा है, जब वहुान में डब्ल्यूएचओ के ऑफिस ने स्थानीय म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन के 'निमोनिया के वायरल' होने की घटना का संज्ञान लिया था. इसके बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक और इथियोपिया के डॉक्टर टैड्रोस ऐडरेनॉम ग़ैबरेयेसस ने जनवरी में अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों की एक टीम को जल्द से जल्द वुहान भेजने की बात कही थी. यह टीम कोरोना संक्रमण की उत्पत्ति और उसके प्रसार के कारणों की जांच कर अपनी रिपोर्ट संगठन को देने वाली थी. हालांकि समय रहते टीम वुहान नहीं गई और चीन को लेकर दुनिया के देशों में रोष बढ़ता गया.

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स्रोत का पता लगाएगा दल
एएनआई से बातचीत में डब्ल्यूएचओ की उपमहानिदेशक सौम्या स्वामीनाथन ने भी जोर देकर कहा कि कोरोना वायरस के उद्गम का पता लगाने के लिए गहन जांच बेहद जरूरी है. उन्होंने यह भी कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन बीजिंग प्रशासन के साथ मिलकर एक टीम के दौरे से जुड़ी औपचारिकताओं पर काम कर रहा है. उनका साफतौर पर कहना है कि दिसंबर में आए पहले मामले से लेकर अब तक यह पता लगाना बेहद जरूरी है कि आखिर किस तरह जानवरों से कोरोना संक्रमण ने इंसानों को अपनी चपेट में लिया. उन्होंने जानलेवा वायरसों के अपने ज्ञान के आधार पर कहा था कि चमगादड़ों से कई वायरस इंसानों में ट्रांसमिट हुए हैं. इसका एक ताजा उदाहरण निपाह वायरस है.