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'क्यूआर कोड' पर भड़के पाकिस्तान के बरेलवी कट्टरपंथी, शोरूम फूंका

कराची के स्टार सिटी मॉल में मोबाइल कंपनी ने एक वाईफाई डिवाइस लगाया था. किसी ने कह दिया कि इसमें कथित तौर पर ईश निंदा की गई है. यह बात फैलते ही बरेलवी कट्टरपंथियों का हुजूम वहां जुट गया और बवाल शुरू कर दिया.

Updated on: 02 Jul 2022, 09:35 AM

highlights

  • मोबाइल कंपनी के क्यूआर कोड से कट्टरपंथियों को ऐतराज
  • कट्टरपंथी टीएलपी ने क्यूआर कोड को अल्लाह का अपमान बताया
  • पुलिस ने सैमसंग के 27 कर्मियों के लिया हिरासत में

कराची:

अभी इंडोनेशिया में एक बार चेन से जुड़ा ईशनिंदा का मामला ठंडा भी नहीं पड़ा था कि पाकिस्तान के कराची शहर में ईशनिंदा को लेकर बरेलवी मुसलमानों के कट्टरपंथी समूह टीएलपी ने एक मोबाइल के शोरूम में तोड़फोड़ कर आगजनी कर दी. उन्मादी भीड़ को मोबाइल कंपनीग के बिलबोर्ड पर बने क्यूआर कोड पर ऐतराज था, जो उनके हिसाब से ईशनिंदक था और अल्लाह का अपमान कर रहा था. इस क्यूआर कोड से गुस्साए मजमे ने आगजनी के बाद जमकर नारेबाजी की. हालांकि मौके पर पहुंची पुलिस ने कंपनी के 27 कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है. गौरतलब है कि पाकिस्तान में ईशनिंदा का आरोप लगा किसी शख्स को निशाना बनाना बेहद आसान है.

पुलिस ने 27 को लिया हिरासत में
प्राप्त जानकारी के मुताबिक कराची के स्टार सिटी मॉल में मोबाइल कंपनी ने एक वाईफाई डिवाइस लगाया था. किसी ने कह दिया कि इसमें कथित तौर पर ईश निंदा की गई है. यह बात फैलते ही बरेलवी कट्टरपंथियों का हुजूम वहां जुट गया और बवाल शुरू कर दिया. भीड़ ने मोबाइल शोरूम में तोड़फोड़ कर आग लगा दी. बवाल की सूचना पर पहुंची पुलिस ने डिवाइस को जब्त कर लिया. साथ ही डिवाइस मुहैया कराने वाले मोबाइल कंपनी के 27 कर्मचारियों को हिरासत में लिया है. पुलिस अब इस बात की जांच कर रही है कि डिवाइस को लगाने में किसकी क्या भूमिका रही.

ट्विटर पर शेयर हो रहा बवाल
इस पूरे बवाल को ट्विटर पर भी शेयर किया गया है. फरान जाफरी ने इसके साथ ही लिखा है कि बरेलवी समूह टीएलपी के इस्लामिक कट्टरपंथियों ने कराची शहर में मोबाइल कंपनी के बिलबोर्ड तोड़ दिए, क्योंकि उस पर जो क्यूआर कोड दिया गया था वह कथित रूप से 'अल्लाह के खिलाफ' था. उन्होंने कराची के सदर इलाके का भी वीडियो ट्वीट किया जिसमें भीड़ बिलबोर्ड को जलाती दिख रही है. गौरतलब है कि पाकिस्तान में ईशनिंदा के कथित मामलों में हत्या कर देना बेहद आम बात है. फरवरी में कट्टरपंथियों की भीड़ ने ईशनिंदा के आरोप में एक शख्‍स की पीट-पीटकर हत्‍या कर दी थी. पिछले साल भी एक श्रीलंकाई शख्‍स को ईशनिंदा के नाम पर मार डाला गया था.