संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका (America) की राजदूत कैली क्राफ्ट ने ईरान (Iran) को दुनिया में आतंकवाद का नंबर एक प्रायोजक बताया और रूस तथा चीन को आगाह किया कि अगर वे ईरान पर संयुक्त राष्ट्र हथियार प्रतिबंध लगाने वाले प्रस्ताव को बाधित करेंगे, तो वे भी आतंकवाद के ‘सह-प्रायोजक’ बन जाएंगे.
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रूस-चीन नहीं बने रोड़ा
राजदूत कैली क्राफ्ट ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र को उम्मीद है कि रूस और चीन ‘आतंकवाद के नंबर एक प्रायोजक देश के सह-प्रायोजक नहीं बनेंगे’ और पश्चिम एशिया में शांति की महत्ता को पहचानेंगे. उन्होंने कहा कि हालांकि ईरान का समर्थन करने पर रूस और चीन के बीच भागीदारी बहुत स्पष्ट है. उन्होंने कहा, ‘वे अपनी सीमाओं के बाहर केवल अराजकता, संघर्ष और अफरातफरी को बढ़ावा देने वाले हैं इसलिए हमें उन्हें अलग-थलग करना होगा.’
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विदेश मंत्री पहले ही कर चुके हैं प्रतिबंध की घोषणा
अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने बुधवार को एलान किया था कि उनका देश ईरान पर अनिश्चितकाल के लिए हथियार प्रतिबंध लगाने वाले प्रस्ताव पर अगले हफ्ते मतदान कराने की सुरक्षा परिषद से अपील करेगा. ईरान पर हथियार प्रतिबंध की अवधि 18 अक्टूबर को समाप्त हो रही है. ईरान में अमेरिका के शीर्ष राजदूत ने इस घोषणा के कुछ घंटों बाद पद से इस्तीफा दे दिया. रूस और चीन के विदेश मंत्रियों ने गत महीने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस और सुरक्षा परिषद को अलग-अलग पत्र लिखकर अमेरिका की कोशिश की आलोचना की और संकेत दिया कि अगर इस प्रस्ताव को 15 सदस्यीय परिषद में न्यूनतम नौ मत मिलते हैं तो वे इस पर वीटो कर देंगे.
Source : Bhasha/News Nation Bureau