अमेरिका में तेज हुआ विरोध प्रदर्शन, शिकागो-वॉशिंगटन में ऐतिहासिक मार्च ऑफ जस्टिस

श्वेत पुलिस अधिकारी के हाथों मारे गए अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड (George Floyd) के लिए न्याय की मांग से शुरू हुआ विरोध-प्रदर्शन हर गुजरते दिन के साथ और तेज होता जा रहा है. 50 के लगभग शहरों में फैला उग्र प्रदर्शन कई शहरों में दंगे जैसी स्थिति ले चुका है.

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Nihar Saxena
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Chicago Protest

शिकागो में 20 हजार की भीड़ ने भाग लिया मार्च ऑफ जस्टिस में.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

श्वेत पुलिस अधिकारी के हाथों मारे गए अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड (George Floyd) के लिए न्याय की मांग से शुरू हुआ विरोध-प्रदर्शन हर गुजरते दिन के साथ और तेज होता जा रहा है. 50 के लगभग शहरों में फैला उग्र प्रदर्शन कई शहरों में दंगे जैसी स्थिति ले चुका है. उस पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) की टिप्पणियां आग में घी डालने का काम कर रही हैं. यही वजह है कि शिकागो और वॉशिगंटन एक बार फिर दसियों हजार की भीड़ की उग्र नारेबाजी के गवाह बने. जॉर्ज फ्लॉयड के लिए न्याय की मांग करते हुए शिकागो (Chicago) में करीब 20,000 लोगों ने 'शिकागो मार्च ऑफ जस्टिस' में हिस्सा लिया. इसी के साथ तख्तियों के साथ नारे लगाते हुए हजारों प्रदर्शनकारियों ने वॉशिंगटन (Washington) डीसी में मार्च निकाला. इसे अमेरिकी राजधानी में नस्लीय अन्याय और पुलिस की बर्बरता के खिलाफ सबसे बड़ा प्रदर्शन माना जा रहा है.

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शिकागो में 20,000 लोगों ने लिया हिस्सा
निहत्थे अफ्रीकी-अमेरिकी शख्स जॉर्ज फ्लॉयड मिनियापोलिस में 25 मई को पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी, जिसके बाद से अमेरिका भर में जगह-जगह प्रदर्शन हो रहे हैं. प्रदर्शनकारियों ने शनिवार को पश्चिम शिकागो के एक पार्क में एकत्र होकर अपनी मांग को लेकर आवाज बुलंद की. उन्होंने एक्टिविस्ट, कवियों और अन्य लोगों की बात सुनी, पुलिस की जवाबदेही तय करने और प्रणालीगत नस्लवाद को खत्म करने की मांग की. उन्होंने हिरासत में लिए गए सभी प्रदर्शनकारियों को छोड़ने की मांग की, साथ ही प्रदर्शनकारियों के साथ दुर्व्यवहार करने वाले सभी पुलिसकर्मियों के खिलाफ आपराधिक मुकदमा चलाने की मांग भी की. प्रदर्शनकारियों ने लेक शोर ड्राइव एक्सप्रेसवे की ओर मार्च किया. जब मार्च एक्सप्रेसवे के ओवरपास से गुजरा, तो सड़क पर मौजूद वाहनों में सवार लोगों ने अपना समर्थन जाहिर किया.

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हजारों प्रदर्शनकारियों ने वॉशिंगटन डी.सी. में निकाला मार्च
तख्तियों के साथ नारे लगाते हुए, हजारों प्रदर्शनकारियों ने वॉशिंगटन डीसी में मार्च निकाला. इसे अमेरिकी राजधानी में नस्लीय अन्याय और पुलिस की बर्बरता के खिलाफ सबसे बड़ा प्रदर्शन माना जा रहा है. आठ दिनों तक विरोध प्रदर्शन के बाद देश भर के लोग शनिवार को नए सिरे से राजधानी के आसपास के स्थानों जैसे कि अलिर्ंग्टन, वर्जीनिया में इकट्ठा हुए. ये सब लिंकन मेमोरियल, कैपिटल हिल और व्हाइट हाउस जैसे गंतव्यों के लिए बढ रहे थे. इस दौरान उन्होंने नारे लगाते हुए सुना गया। एक समूह में प्रदर्शनकारी नारे लगा रहे थे, 'किसकी सड़कें? हमारी सड़कें.' डी.सी. पुलिस ने सुबह 6 बजे से शुरू होने वाले शहर के अधिकांश यातायात क्षेत्र को बंद कर दिया. रात 12 बजे तक डीसी पुलिस ट्रैफिक ने अनुमान लगाया कि वहां लगभग 6000 प्रदर्शनकारी थे, जिनमें करीब 3000 लिंकन मेमोरियल में और लगभग इतने ही 16 वीं और आई स्ट्रीट में थे.

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वॉशिंगटन मेयर ने ट्रंप से की अपील
डी.सी. मेयर मुरील बोउसर ने शुक्रवार को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से प्रदर्शनकारियों के खिलाफ शहर में तैनात सैन्य बलों को वापस लेने का आग्रह किया था, उन्होंने व्हाइट हाउस के पास भीड़ का अभिवादन किया. उन्होंने व्हाइट हाउस को 'लोगों का घर' कहा साथ ही कहा कि आज वह 'हमारे शहर से सेना को दूर कर देंगी'. डी.सी. में शनिवार को विरोध प्रदर्शन शांति से हुआ. यह प्रदर्शन 25 मई को मिनियापोलिस में अश्वेत व्यक्ति जॉर्ज फ्लॉयड की क्रूर हत्या के विरोध में हो रहे हैं.

HIGHLIGHTS

  • शिकागो में मार्च ऑफ जस्टिस में शामिल हुए 20 हजार लोग.
  • वॉशिंगटन डीसी में भी हजारों की भीड़ उतरी सड़कों पर.
  • डोनाल्ड ट्रंप के बयान कर रहे आग में घी डालने का काम.
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