आफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबान (Taliban) का राज आते ही वहां के लोग देश छोड़ने लगे, इसी दौरान मिर्जा अली अहमदी (Mirza Ali Ahmadi) और उनकी पत्नी सुराया (Suraya) भी 19 अगस्त को काबुल हवाई अड्डे (Kabul Airport) पर अपने पांच बच्चों के साथ खड़े थे. मिर्जा अली और उनकी पत्नी सुराया ने अपने बच्चे को बचाने के लिए अमेरिकी सैनिकों (American Soldiers) के हवाले कर दिया. उन्होंने सोचा था कि जल्द ही वो बाड़ा पार करके बच्चे के पास पहुंच जाएंगे, लेकिन तालिबानी लड़ाकों ने उन्हें पीछे धकेल दिया. जिससे वो बच्चे के पास नहीं पहुंच पाये. बाद में जब वो वहां पहुंचे तो बच्चा वहां नहीं था. आपको बता दें कि मिर्जा अली ने जब अमेरिकी सैनिकों से बच्चे के बारे पूछा तो सैनिकों ने बताया कि बच्चे की सुरक्षा को देखते हुए उसे अमेरिकी कैंप में रखा गया है. जब मिर्जा अली अमेरिकी कैंप में गये तो बच्चा वहां भी नहीं मिला.
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मिर्चा अली ने बताया कि कई अमेरिकी अधिकारियों से बात करने के बाद भी बच्चे का कुछ पता नहीं चल पाया है. किसी भी अधिकारी ने उनके बच्चे के बारे में जानकारी नहीं दी. मिर्जा अली ने कहा कि उन्होंने 10 साल तक अमेरिकी सहयोगी के तौर पर काम किया है. इस वक्त वो और उनका परिवार अमेरिका में शरणार्थी के रूप में रह रहा है.
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आपको बता दें कि तालिबान का राज आने के बाद अफगानिस्तान में आम जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया. लोग डर के साए में जिंदगी गुजारने के मजबूर हो गये. यही कारण है कि मिर्जा अली ने अपने बच्चे को अमेरिकी सैनिकों के हवाले किया गया था, जो अभी तक लापता है.