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यमन में निमिषा प्रिया को मिला जीवनदान Photograph: (Social Media)
Nimisha Priya: यमन की राजधानी सना की जेल में बंद केरल की नर्स निमिषा प्रिया की फांसी की सजा को रद्द कर दिया गया है. भारत के ग्रैंड मुफ्ती कंथापुरम एपी अबूबकर मुसलियार के दफ्तर ने निमिषा प्रिया की मौत की सजा रद्द करने की पुष्टि की है. निमिषा प्रिया की मौत की सजा को रद्द करने को भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत माना जा रहा है. बता दें कि निमिषा प्रिया का 16 जुलाई को फांसी दी जानी थी, लेकिन उससे कुछ घंटे पहले निमिषा की फांसी को टाल दिया गया था. जिसमें भारत के ग्रैंड मुफ्ती कंथापुरम एपी अबूबकर मुसलियार ने अहम भूमिका निभाई थी. अब निमिषा की मौत की सजा को पूरी तरह से रद्द कर दिया गया है.
ग्रैंड मुफ्ती का सामने आया बयान
इसके साथ ही अब ग्रैंड मुफ्ती का भी बयान सामने आ गया है. जिन्होंने निमिषा प्रिया की फांसी रद्द करने की पुष्टि की है. ग्रैंड मुफ्ती कंथापुरम एपी अबूबकर मुसलियार ने कहा कि "निमिषा प्रिया की मृत्युदंड की सज़ा, जिसे पहले निलंबित कर दिया गया था, उसे अब पूरी तरह से रद्द कर दिया गया है. सना में हुई एक उच्च-स्तरीय बैठक में मृत्युदंड की सज़ा को पूरी तरह से रद्द करने का निर्णय लिया गया, जिसे पहले अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया गया था."
Indian Grand Mufti, Kanthapuram AP Abubakker Muslaiyar’s office says, "The death sentence of Nimisha Priya, which was previously suspended, has been overturned. A high-level meeting held in Sanaa decided to completely cancel the death sentence that was temporarily suspended… https://t.co/tD1NVQtM9C
— ANI (@ANI) July 29, 2025
निमिषा प्रिया को कैसे मिला यमन में जीवनदान
केरल की रहने वाली निमिषा प्रिया पर अपने यमनी पार्टनर की हत्या का आरोप है. जिसके लिए उन्हें फांसी की सजा सुनाई गई थी. इसी साल 16 जुलाई को निमिषा प्रिया को फांसी दी जानी थी, लेकिन फांसी देने से कुछ घंटे पहले ही उनकी फांसी को टाल दिया गया. जिसमें सबसे अहम भूमिका भारत के ग्रैंड मुफ्ती शेख अबूबकर अहमद उर्फ कंथापुरम एपी अबू बकर मुसलियार ने निभाई. वह इस्लामी शरिया कानून के बड़े जानकार है. उनका ये खिताब सरकारी नहीं है लेकिन धार्मिक मुद्दे पर उनका ज्ञान काफी प्रसिद्ध है. वे भारत में सुन्नी समुदाय के बड़े चेहरों में से एक हैं, उन्हें 10वें ग्रैंड मुफ्ती के तौर पर जाना जाता है.
कौन हैं निमिषा प्रिया?
निमिषा प्रिया केरल के पलक्कड़ जिले की रहने वाली हैं. 2008 में जब वह 18 साल की थीं तब नर्स की नौकरी के लिए यमन चली गईं. जहां वह सरकारी अस्पताल में नौकरी करने लगीं. इस दौरान उनकी मुलाकात एक यमनी नागरिक तलाल अब्दो महदी से हुई. उसके बाद उन्होंने महदी के साथ मिलकर एक क्लीनिक की शुरुआत की. लेकिन कुछ समय के बाद दोनों के बीच अनबन होने लगी.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, महदी ने निमिषा का उत्पीड़न किया और उसका पासपोर्ट जब्त कर लिया. अपने पासपोर्ट को पाने के लिए एक दिन निमिषा ने महदी को बेहोशी की दवाई दे दी. ये घटना 2017 की है. ओवरडोज से महदी की मौत हो गई. उसके बाद निमिषा को गिरफ्तार कर लिया गया. 2018 में उन्हें महदी की हत्या का दोषी ठहराया गया और 2020 में उन्हें मौत की सजा सुना दी गई. उनकी मौत की सजा का मानवाधिकार संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने विरोध किया. लेकिन उन्हें माफ नहीं किया गया. लेकिन भारत के ग्रैंड मुफ्ती की पहल से निमिषा प्रिया बरी हो गईं.
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