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फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास Photograph: (Social Media)
Israel Hamas War: हमास के खात्मे के साथ इजरायल गाजा पर पूरी तरह से कब्जा करने की तैयारी कर रहा है. इस बीच दुनियाभर के कई देशों ने भी फिलिस्तीन को राष्ट्र के तौर पर मान्यता देने का एलान किया है. जिन देशों ने फिलिस्तानी को मान्यता दी है उनमें कनाडा, ब्रिटेन, फ्रांस और ऑस्ट्रेलिया का नाम शामिल है. इस बीच फिलिस्तानी के राष्ट्रपति महमूद अब्बास हमास के विरोध में उतर आए हैं. राष्ट्रपति अब्बास ने कहा है कि हमास और उसके अन्य गुट जल्द अपने हथियारों को सरेंडर कर दें. उन्होंने हमास से कहा है कि वे अपने हथियार फिलिस्तीनी प्राधिकरण को सौंप दें.
जानें संयुक्त राष्ट्र में क्या बोले फिलिस्तीनी राष्ट्रपति?
दरअसल, फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास सोमवार (22 सितंबर) को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संयुक्त राष्ट्र की पीस समिट को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने कहा कि गाजा में हमास की कोई भूमिका नहीं होगी. इसके साथ ही उन्होंने हमास और उसके अन्य संगठनों को अपने हथियार फिलिस्तीन की ऑथोरिटी को सरेंडर करने को कहा है. बता दें कि राष्ट्रपति महमूद अब्बास को संयुक्त राष्ट्र के पीस समिट को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इसलिए संबोधिक करना पड़ा क्योंकि अमेरिका ने इस समिट में शामिल होने के लिए अमेरिका आने के लिए वीजा ही नहीं दिया.
राष्ट्रपति अब्बास ने की हमास के हमले की निंदा
इसके साथ ही फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने हमास के इजरायल पर हमले की भी निंदा की. द टाइम्स ऑफ इजरायल की रिपोर्ट के मुताबिक, राष्ट्रपति अब्बास ने हमास और उसके अन्य संगठनों द्वारा 7 अक्टूबर 2023 को इजरायल पर किए गए हमले की निंदा की. फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने कहा है कि, "हम 7 अक्टूबर, 2023 को हमास की कार्रवाई समेत नागरिकों की हत्या और अपहरण की निंदा करते हैं." बता दें कि इस हमले के दौरान हमास ने इजरायल की सीमा में घुसकर 1200 से ज्यादा लोगों की हत्या कर दी थी. साथ ही सैकड़ों इजरायली नागरिकों का अपहरण भी कर लिया था. इनमें से कई की मौत हो चुकी है जबकि कई लोग अभी भी हमास के कब्जे में हैं.
इटली में मेलोनी के खिलाफ सड़कों पर उतरे लोग
बता दें कि दुनियाभर के 152 देशों ने फिलिस्तीन को मान्यता दे दी है. यूरोप के भी कई देश फिलिस्तीन को मान्यता दे चुके हैं. जिनमें फ्रांस और ब्रिटेन शामिल हैं. कनाडा और ऑस्ट्रेलिया ने भी फिलिस्तीन को मान्यता दे दी है. वहीं इटली ने अभी तक फिलिस्तीन को मान्यता नहीं दी है. इसके बाद लोग इटली की सड़कों पर उतर आए हैं और मेलोनी सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने लगे हैं.
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