चीन के भले ही आर्थिक हालात सही नहीं हैं. इसके बावजूद ग्लोबल सॉफ्ट पावर इंडेक्स में चीन दूसरे नंबर पर पहुंच चुका है. छठे ग्लोबल सॉफ्ट पावर इंडेक्स की रिपोर्ट सामने आ चुकी है. इसमें चीन को दुनिया के दूसरे सबसे प्रभावशाली देश की लिस्ट में रखा गया है. पहले पायदान पर अमेरिका है. इस लिस्ट को ब्रांड फाइनेंस ने जारी किया है. रिपोर्ट में चीन की रैंकिंग ब्रिटेन से बेहतर है. चीन को कुल 100 अंकों में 72.8 अंक मिले हैं. यह चीन की अब तक की सर्वोच्च रैंकिंग है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार चीन ने आठ सॉफ्ट पावर स्तंभों में से छह तय की गई विशेषताओं में दो तिहाई में सांख्यिकीय रूप से अहम इजाफे को दिखाया है. ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट की मानें तो चीन की रैंकिंग में आए उछाल की सबसे बड़ी वजह बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव, देश में स्थिरता और घरेलू ब्रांडों की मजबूती जैसे कई कारण हैं.
70 हजार लोगों के बीच सर्वेक्षण किया गया
ग्लोबल सॉफ्ट पावर इंडेक्स में 100 से अधिक देशों में एक लाख 70 हजार लोगों के बीच सर्वेक्षण किया गया. इस आधार पर रिपोर्ट को तैयार किया गया है. ग्लोबल सॉफ्ट पावर समिट 2025 के दौरान इसके परिणामों का ऐलान हुआ है. इस रिपोर्ट में अमेरिका को 100 में से 79.5 अंक प्राप्त हुए हैं. वो शीर्ष पर है. लेकिन वैश्विक प्रतिष्ठा में गिरावट आई है. वैश्विक प्रतिष्ठा में अमेरिका चार स्थान गिर गया है. वह अब 15वें स्थान पर पहुंच चुका है.
भारत की रैंकिंग 30 वें स्थान पर है
इस लिस्ट में भारत की रैंकिंग 30 वें स्थान पर है. यह पहले रैंकिंग 29 पर थी. भारत का प्रभाव तो बढ़ा है. मगर रेपुटेशन के तहत भारत की रैंकिंग बेहतर हो सकती थी. कई फैक्टर्स ऐसे हैं जिस पर काम करना है. भारत इंडेक्स में अच्छा स्थान पा सकता है. उसे इज ऑफ डूइंग बिजनेस को अच्छा करना होगा. भारत को इंक्रेडिबेल इंडिया मुहिम को तेज करना होगा. इससे दुनिया भर से ज्यादा से ज्यादा पर्यटक घुमने के लिए भारत आएंगे. इंटरनेशनल योगा डे भी काफी अहम रहा है. इसने दुनिया में भारत के प्रभाव को बढ़ाया है.
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