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भूकंप के तेज झटकों से कांपा चिली Photograph: (Social Media)
Chile Earthquake: नए साल के दूसरे ही दिन यानी 2 जनवरी को उत्तर अमेरिकी देश चिली में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए. इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 6.2 दर्ज की गई. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भूकंप के ये झटके चिली के कैलामा के पास एंटोफगास्टा क्षेत्र में गुरुवार (स्थानीय समयानुसार) को महसूस किए गए. संयुक्त राज्य भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के अनुसार, इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्कैल पर 6.2 मापी गई. इस भूकंप का केंद्र कैलामा में 99 किलोमीटर (लगभग 61.5 मील) की गहराई पर केंद्रित था.
यूएसजीएस ने कहा कि उसे प्रकाशन के समय लोगों द्वारा भूकंप महसूस किए जाने की 25 रिपोर्टें मिलीं. इस भूकंप से अभी तक किसी भी प्रकार के जान या माल के नुकसान की कोई सूचना नहीं है. संयुक्त राज्य भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण की मानें तो इससे पहले बुधवार (1 जनवरी) को कैलिफ़ोर्निया में 4.7 तीव्रता का भूकंप आया था. इस भूकंप के आने के कुछ घंटों बाद ही चिली में भूकंप के झटके महसूस किए गए.
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An earthquake of magnitude 6.1 struck Antofagasta, Chile on Thursday, reports Reuters citing the European-Mediterranean Seismological Centre (EMSC). pic.twitter.com/ZdEUf2e26z
— ANI (@ANI) January 2, 2025
दुनियाभर में बार-बार क्यों आते हैं भूकंप
बता दें कि दुनियाभर में बार-बार भूकंप के झटके महसूस किए जा जाते हैं. नए साल के पहले ही दिन गुजरात के कच्छ में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे. इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.2 मापी गई थी. ऐसे में सवाल ये उठता है कि आखिर दुनियाभर में बार-बार धरती क्यों हिलती है यानी भूकंप क्यों आते हैं. दरअसल, भूकंप आने की वजह धरती के अंदर मौजूद टेक्टोनिक प्लेट्स का टकराना है.
बता दें कि हमारी धरती के नीचे सात प्लेट्स हैं जो लगातार घूमती रहती हैं. कई बार ये प्लेट्स किसी स्थान पर आपस में टकरा जाती है, उस स्थान पर फॉल्ट लाइन जोन बन जाता है, जिससे सतह के कोने मुड़ जाते हैं और इससे दबाव बनता है और टेक्टोनिक प्लेट्स टूटने लगती हैं. जब ये प्लेट्स टूटती हैं, तो जबरदस्त ऊर्जा पैदा होती है और जब ये ऊर्जा बाहर निकलने की कोशिश करती है तो धरती पर कंपन महसूस किया जाता है. जिसे भूकंप कहा जाता है. भूकंप की तीव्रता को रिक्टर पैमाने पर दर्ज किया जाता है.
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