ट्रंप की BRICS देशों को धमकी, नई करेंसी बनाई तो अमेर‍िका से न‍िकलो

डोनाल्ड ट्रंप 20 जनवरी 2025 को अमेर‍िका के राष्‍ट्रपत‍ि के रूप में शपथ लेंगे लेक‍िन उससे पहले ही वह धमकी भरे अंदाज में आ गए हैं. डॉलर को दुन‍िया की शक्‍त‍िशाली करेंसी बनाए रखने के ल‍िए वह अब ब्र‍िक्‍स देशों को खुलेआम धमका रहे हैं.

डोनाल्ड ट्रंप 20 जनवरी 2025 को अमेर‍िका के राष्‍ट्रपत‍ि के रूप में शपथ लेंगे लेक‍िन उससे पहले ही वह धमकी भरे अंदाज में आ गए हैं. डॉलर को दुन‍िया की शक्‍त‍िशाली करेंसी बनाए रखने के ल‍िए वह अब ब्र‍िक्‍स देशों को खुलेआम धमका रहे हैं.

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Shyam Sundar Goyal
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नई द‍िल्‍ली: डोनाल्ड ट्रंप के बारे में कहा जा रहा है क‍ि वह अपने देश के ल‍िए हद से ज्‍यादा पजेस‍िव रहते हैं. अभी वह अमेर‍िका के राष्‍ट्रपत‍ि बने भी नहीं है लेक‍िन उससे पहले ही ट्रंप ने दुन‍िया के शक्‍त‍िशाली और बड़े देशों को धमकाना शुरू कर द‍िया है. इसकी चपेट में भारत भी आ रहा है. 

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द‍रअसल, डोनाल्ड ट्रंप 20 जनवरी 2025 को अमेर‍िका के राष्‍ट्रपत‍ि के रूप में शपथ लेंगे. अमेर‍िकी चुनावों में अमेर‍िका के ह‍ितों की बात उन्‍होंने जोरशोर से उठाई थी. इसी कड़ी में वह ब्र‍िक्‍स देशों के एक कदम से असहमत हैं और यद‍ि ब्र‍िक्‍स देश इस मामले में आगे बढ़ते हैं तो उन्‍हें अमेर‍िका में अपना ब‍िजनेस पूरी तरह बंद करना होगा. 

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अगर ब्रिक्स देश नई करेंसी बनाते हैं तो 

डोनाल्ड ट्रंप ने एक्‍स पर ट्वीट करते हुए ल‍िखा, "ब्रिक्स देश डॉलर से दूर जाने की कोशिश कर रहे हैं और हम खड़े होकर देखते हैं, ऐसा आइडिया अब खत्म हो चुका है. हमें इन देशों से यह कम‍िटमेंट चाहिए कि वे न तो नई ब्रिक्स करेंसी बनाएंगे और न ही शक्तिशाली अमेरिकी डॉलर की जगह किसी अन्य करेंसी का समर्थन करेंगे. अगर ब्रिक्स देश ऐसा करते हैं तो उन्हें 100 फीसद टैरिफ का सामना करना पड़ेगा. इतना ही नहीं, उन्हें शानदार अमेरिकी अर्थव्यवस्था में अपने प्रोडक्‍ट बेचने को गुडबॉय कहने के लिए तैयार रहना चाहिए. वे किसी और ‘मूर्ख’ को खोज सकते हैं. इस बात की कोई संभावना नहीं है कि ब्रिक्स अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में अमेरिकी डॉलर की जगह ले लेगा. जो भी देश ऐसा करने की कोशिश करेगा, उसे अमेरिका को अलविदा कह देना चाहिए."

ट्रंप के बयान से च‍िंता में ब्र‍िक्‍स देश 

ट्रंप के इस बयान से ब्रि‍क्‍स देशों के सामने चैलेंज खड़ा हो गया है. ब्र‍िक्‍स में भारत, ब्राजील, रूस, चीन, दक्षिण अफ्रीका, मिस्र, इथियोपिया, ईरान और संयुक्त अरब अमीरात शामिल हैं. 2009 में जब इस संगठन का गठन हुआ था तब इसमें ब्राजील, रूस, इंड‍िया, चाइना देश शाम‍िल थे. बाद में इसमें साउथ अफ्रीका जुड़ा तो इसका नाम BRICS हो गया. बाद में इस संगठन के अन्‍य देश भी भागीदार बने हैं. 

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ट्रंप को सता रहा ये डर 

ट्रंप को ब्र‍िक्‍स को सीधे शब्‍दों में धमकी क्‍यों देनी पड़ी, इसकी वजह है क‍ि 2023 में साउथ अफ्रीका में जो ब्र‍िक्‍स सम‍िट हुई थी, उसमें अपनी करेंसी लाने पर चर्चा हुई थी. इन देशों में आपसी ब‍िजनेस और इन्‍वेस्‍टमेंट के ल‍िए कॉमन करेंसी की जरूरत पर बात हुई थी. अब जब रूस के कजान में 2024 में हुए ब्र‍िक्‍स सम्‍मेलन में इसपर गंभीरता से मंथन चला तो ट्रंप ने पहले ही अपनी चाल चल दी है. 

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भारत पर पड़ेगा बड़ा असर 

यद‍ि ऐसा होता है तो भारत पर भी इसका असर पड़ेगा क्‍यों‍क‍ि वह ब्र‍िक्‍स का सदस्‍य देश है. यद‍ि अमेर‍िका इस बात पर अड‍िग रहता है तो भारत के ब‍िजनेस पर भारी असर पडेगा क्‍योंक‍ि भारत अमेर‍िका से इंपोर्ट और एक्‍सपोर्ट काफी मात्रा में करता है. प‍िछले वित्त वर्ष 2023-24 में भारत और अमेरिका के बीच का व्यापार 118.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर था.

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