Vijay Mallya: भारतीय बैंकों के 9,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में भगोड़ा घोषित विजय माल्या ने उद्यमी राज शमनी के पॉडकास्ट में अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को लेकर बातचीत की. किंगफ़िशर एयरलाइंस के पूर्व प्रमुख ने भारत से अपने विवादास्पद निकास, कानूनी लड़ाइयों, अपनी एयरलाइन के पतन और खुद को 'चोर' कहे जाने को लेकर अपनी बात कही. विजय माल्या ने पॉडकास्ट में कहा कि, "मार्च (2016) के बाद भारत न जाने के कारण मुझे भगोड़ा कहिए. मैं भागा नहीं, बल्कि पहले से तय यात्रा पर भारत से बाहर गया." माल्या ने आगे कहा कि, मैं उन कारणों से वापस नहीं लौटा, जिन्हें मैं उचित मानता हूं, इसलिए अगर आप मुझे भगोड़ा कहना चाहते हैं, तो कहिए, लेकिन मैं चोर नहीं हूं.
भारत न लौटने के सवाल पर क्या बोले माल्या
पॉडकास्ट के दौरान माल्या ने भारत न लौटने के सवाल का भी जवाब दिया. उन्होंने कहा, "अगर मुझे भारत में निष्पक्ष सुनवाई और सम्मानजनक जीवन का भरोसा मिलता है, तो आप सही हो सकते हैं, लेकिन मुझे नहीं लगता." लेकिन जब उनसे सीधे पूछा गया कि क्या वे निष्पक्षता के आश्वासन मिलने पर भारत लौटेंगे तो माल्या ने जवाब दिया, "अगर मुझे आश्वासन दिया जाता है, तो निश्चित रूप से, मैं इस बारे में गंभीरता से सोचूंगा."
उन्होंने एक अन्य प्रत्यर्पण मामले में यूके हाई कोर्ट ऑफ अपील के फैसले का भी हवाला दिया, जिसमें कहा गया था कि भारतीयों की हिरासत की स्थिति मानवाधिकारों पर यूरोपीय सम्मेलन के अनुच्छेद 3 का उल्लंघन करती पाई गई थी. माल्या ने कहा, "इसलिए उन्हें वापस नहीं भेजा जा सकता है," जिसका अर्थ है कि उनकी भी ऐसी ही चिंताएं हैं.
किंगफिशर एयरलाइंस संकट पर दिया जवाब
किंगफिशर एयरलाइंस के पतन पर फिर से विचार करते हुए विजय माल्या ने कहा कि 2008 का वैश्विक वित्तीय संकट एक प्रमुख ट्रिगर था. उन्होंने कहा कि, "क्या आपने कभी लेहमैन ब्रदर्स के बारे में सुना है? क्या आपने कभी वैश्विक वित्तीय संकट के बारे में सुना है, क्या इसका भारत पर कोई असर नहीं पड़ा? बेशक, इसका असर हुआ." माल्या ने कहा कि, "हर क्षेत्र प्रभावित हुआ. पैसा रुक गया. यह सूख गया. भारतीय रुपये के मूल्य पर भी असर पड़ा."
माल्या के मुताबिक, उन्होंने पुनर्गठन योजना के साथ तत्कालीन वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी से संपर्क किया. उन्होंने कहा, "मैं प्रणब मुखर्जी के पास गया था और कहा था कि मुझे एक समस्या है. किंगफिशर एयरलाइंस को आकार घटाने, विमानों की संख्या में कटौती करने और कर्मचारियों की छंटनी करने की ज़रूरत है, क्योंकि मैं इन उदास आर्थिक परिस्थितियों में परिचालन नहीं कर सकता. हालांकि, उन्होंने दावा किया कि उन्हें आकार घटाने के खिलाफ़ सलाह दी गई थी और बैंकों से समर्थन का वादा किया गया था."
विजय माल्या ने कहा कि, "मुझे कहा गया था कि आकार न घटाएं. आप उसे जारी रखें, बैंक आपका समर्थन करेंगे. इस तरह से यह सब शुरू हुआ. किंग फिशर एयरलाइंस को अपनी सभी उड़ानें निलंबित करने के लिए मजबूर होना पड़ा. किंग फिशर एयरलाइंस संघर्ष कर रही है. जिस समय हमने ऋण मांगा, उस समय कंपनी बहुत अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रही थी."
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