Monkeypox New Strain: चीन में इनदिनों HMPV वायरस का खौफ फैला हुआ है. इस बीच देश में मंकीपॉक्स का नया स्ट्रेन मिलने से हड़कंप मचा हुआ है. वहीं भारत में भी एचएमपीवी के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. गुरुवार को चीन के स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने नए एमपॉक्स स्ट्रेन क्लेड आईबी का पता लगाया है. बता दें कि मंकीपॉक्स को पिछले साल विश्व स्वास्थ्य संगठन ने ग्लोबल पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया था. इसके बाद इस वायरस के केस कई देशों में मिले थे. भारत में भी इस वायरस के मामले सामने आए थे.
अफ्रीकी देशों में मौजूद है मंकीपॉक्स का ये स्ट्रेन
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन के रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केन्द्र ने कहा है कि देश में मंकीपॉक्स का क्लेड 1बी स्ट्रेन मिला है. मंकीपॉक्स का ये स्ट्रेन अफ्रीकी देश कांगो समेत आसपास के अन्य देशों में पहले से भी मौजूद है. रिपोर्ट्स में कहा गया है कि ये स्ट्रेन यहीं से एक विदेशी शख्स के संक्रमण के जरिए देश में पहुंचा है. जिसके संपर्क में आने के बाद चार और नए मामले सामने आए हैं. हालांकि नए स्ट्रेन से पीड़ित मरीजों में हल्के लक्षण हैं और उनकी स्किन पर दाने और छाले मिले हैं.
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रोकथाम के लिए लगातार किए जा रहे उपाय
वहीं राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग ने कहा है कि एमपॉक्स को कैटगरी बी संक्रामक रोग के रूप में मैनेज किया जाएगा. इसके साथ ही अधिकारी आपातकालीन उपाय करेंगे. जिसमें भीड़-भाड़ को रोकना, काम और स्कूल को निलंबित करना साथ ही बीमारी के फैलने पर क्षेत्रों को सील करना शामिल है. बता दें कि चीन ने पिछले साल अगस्त में कहा था कि वह देश में एंट्री करने वाले लोगों और सामानों पर एमपॉक्स की निगरानी करेगा.
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जानें कैसे फैलता है मंकीपॉक्स?
बता दें कि मंकीपॉक्स वायरस नजदीकी संपर्क में आने से फैसला है. इस वायरस के पीड़ित होने पर फ्लू जैसे लक्षण नजर आते हैं. साथ ही शरीर पर मवाद भरे घाव हो जाते हैं. हालांकि ये उतना घातक नहीं होता, लेकिन दुर्लभ मामलों में यह घातक भी हो सकता है. गौरतलब है कि पिछले दो सालों में दूसरी बार डब्ल्यूएचओ ने पिछले साल अगस्त में मंकीपॉक्स वायरस को वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया था.
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डब्ल्यूएचओ ने ये कदम डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो (DRC) में मंकीपॉक्स के मामले सामने आने के बाद उठाया था. इसके साथ ही मंकीपॉक्स का ये वैरिएंट डीआरसी से पड़ोसी देशों केन्या, बुरुंडी, युगांडा और रवांडा में फैल रहा है. जिसके चलते विश्व स्वास्थ्य संगठन ने आपातकाल की घोषणा की है.