Cashless Treatment Scheme: भारत में सड़क दुर्घटनाओं की वजह से मरने वालों लोगों की संख्या में तेजी के साथ बढ़ोतरी हो रही है, जिसकी वजह से केंद्र सरकार भी टेंशन में आ गई है. यही वजह है कि सरकार सड़क दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. इस क्रम में सरकार ने सड़क दुर्घटना में घायल होने वाले लोगों के लिए कैशलस ट्रीटमेंट स्कीम शुरू की है. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने जानकारी देते हुए बताया कि किसी भी तरह के सड़क हादसे में घायल व्यक्ति को सात दिन तक प्रति हादसा, प्रति व्यक्ति अधिकतम 1.5 लाख रुपए तक का कैशलेस इलाज मिलेगा.
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घायलों को मिलेगा कैश लैस इलाज
केंद्र सरकार की तरफ से शुरू की गई इस योजना की जिम्मेदारी राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) को सौंपी गई है. केंद्रीय परिवहन मंत्री ने कहा कि अगले पार्लियामेंट सत्र में मोटर व्हीकल एक्ट संशोधन कानून पेश किया जाएगा. गौरतलब है कि सड़क परिवहन और राजमार्म मत्रालय ने 14 मार्ट 2024 को रोड एक्सीडेंट घायलों को कैशलेस इलाज प्रदान करने के लिए एक पायलट योजना की शुरुआत की थी, जिसको बाद में देश के छह राज्यों में लागू कर दिया गया. ताजा अपडेट यह है कि मार्च से इस महत्वाकांक्षी योजना को पूरे देश में लागू किया जा सकता है, जिसकी केंद्र सरकार ने तैयारी भी पूरी कर ली है.
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2024 में सड़क हादसों में 1.80 लाख लोगों की मौत
नितिन गडकरी ने जानकारी देते हुए बताया कि साल 2024 में देश के अंदर रोड एक्सीडेंट्स में जिन 1.लाख हजार लोगों की मौत हुई है, उसमें 35,000 मौते तो उन ड्राइवरों की हुई हैं, जिनके पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं थे. इसके चलते सरकार ने ड्राइवरों को प्रशिक्षित करने के लिए ड्राइवर ट्रेनिंग पॉलिसी लॉंच की है. इस पॉलिसी के तहत भारत में 1250 नए ट्रेनिंग सेंटर खोलेने की तैयारी है. इस योजना में केंद्र सरकार लगभग साढ़े चार हजार करोड़ रुपए का निवेश करेगी. खास बात यह होगी कि इस सेंटरों पर करीब 25 लाख नए ड्राइवरों ट्रेनिंग दी जा सकेगी. इन सेंटरों के माध्यम से करीब 25 लाख नए ड्राइवरों को रोजगार भी मिलेगा.