Pakistan: पाकिस्तानी अफगानी शरणार्थियों से परेशान है. इस बीच, पाकिस्तान सरकार ने बड़ा फैसला किया है. पाकिस्तान के गृहमंत्री मोहसिन नकवी का कहना है कि सरकार अफगान शरणार्थियों के रजिस्ट्रेशन प्रमाण यानी पीओआर की वैधता अवधि को नहीं बढ़ाएगी.
नकवी ने कहा कि जिन अफगान शरणार्थियों को अब पाकिस्तान से निर्वासित किया जा रहा है, उन्हें फिर से पाकिस्तान में प्रवेश करने नहीं दिया जाएगा. उन्हें ब्लैकलिस्ट में डाला जाएगा. उन्होंने स्पष्ट किया है कि ये व्यापक नेशनल पॉलिसी का हिस्सा है.
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पाकिस्तान में 13 लाख से अधिक अफगानी
जानकारी के अनुसार, पाकिस्तान में वर्तमान में 13 लाख से अधिक अफगान शरणार्थी हैं, जिनके पास संयुक्त शरणार्थी उच्चायोग और पाकिस्तान सरकार द्वारा पीओआर कार्ड हैं. कार्ड उन्हें पाकिस्तान में रहने के लिए अस्थाई कानूनी दर्जा प्रदान करते हैं. पीओआर कार्डों की वैधता 30 जून को समाप्त हो गई थी. अफगान शरणार्थियों के लिए ये चिंता का विषय बन गया है.
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11 लाख से अधिक शरणार्थियों को निकाला गया
पाकिस्तान सरकार ने 2023 में अफगान शरणार्थियों को देश से बाहर निकालने के लिए एक अभियान शुरू किया था. उस वक्त सरकार का ध्यान अफगानियों को पाकिस्तान से बाहर निकालना था. पाकिस्तान से अब तक 11 लाख से अधिक विदेशी शरणार्थियों को निकाला जा चुका है. इनमें से आठ लाख से अधिक अफगानी हैं.
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अब जानिए आखिर क्या होता है पीओआर
पीओआर को पंजीकरण प्रमाण कहा जाता है. ये एक तरह का पहचान दस्तावेज है. ये पाकिस्तान में बने अफगानियों को दिया जाता है. पीओआर कार्ड अफगानियों को पाकिस्तान में रहने की लीगल मान्यता देता है. पाकिस्तानी सरकार द्वारा दी जाने वाली बुनियादी सुविधा पीओआर कार्ड धारक को दी जाती है. कार्ड की अवधि एक बार पूरी हो जाए तो उसके बाद कार्ड को रिन्यू किया जाता है.
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