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न लग्जरी कार और न उड़नखटोला...दूल्हे के कंधे पर बैठकर ससुराल पहुंची दुल्हन, देखें वीडियो

दूल्हा अपने कंधे पर दुल्हन को बैठाकर घर लेकर आया, जिसका वीडियो अब सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है.

Updated on: 29 Jun 2021, 03:43 PM

किशनगंज:

अभी शादियों का मुहूर्त है और देशभर में हर दिन नए जोड़े बंधन में बंध रहे हैं. शादियों में दुल्हन लाने के लिए महंगी से महंगी गाड़ी लेकर जाते हैं और यहां तक की कई जगहों पर लोग हैलिकॉप्टर तक ले जाते हैं. मगर एक वाकया ऐसा भी आया है, जहां दुल्हन को ले जाने के लिए न कोई लग्जरी गाड़ी थी और न ही उड़न खोटा, बल्कि दुल्हन को नाव में बैठाकर लाया गया. लेकिन वाकया चर्चा का विषय बना, वो ये है कि नाव के लिए आगे की रास्ता न होने पर दूल्हा अपने कंधे पर दुल्हन को बैठाकर घर लेकर आया, जिसका वीडियो अब सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है.

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दरअसल, ये मामला बिहार के किशनगंज जिले के दिघलबैंक प्रखंड के सिंघिमारी कनकई नदी के पलसा घाट का है. यहां शादी के बाद दुल्हन को लेकर बारात लौटकर आई तो गांव के पास नदी का जलस्तर बढ़ा हुआ था. ऐसे में दूल्हे ने दुल्हन को अपने कंधे पर उठाकर नदी पार कराई. विदाई के समय पानी कम होने की वजह से नाव किनारे पर नहीं लग पाई. ऐसे में दुल्हन को पानी में उतरना पड़ता सो दूल्हे ने दुल्हन को कंधे पर उठाया और नदी पार कराई, जिसका वीडियो अब खूब वायरल हो रहा है.

शनिवार को बारात प्रखंड क्षेत्र के पश्चिमी क्षेत्र के लोहागाड़ा गांव से बारात पलसा गांव गई थी. रविवार को बारात वापस लौटकर आई. लौटते वक्त नदी में पानी का स्तर बढ़ गया था. नदी को नाव के जरिए पार किया गया, मगर नाव घाट तक नहीं पहुंच पा रही थी. ऐसे में पानी में लोगों को नाव से उतरना पड़ा. दुल्हन की बारी भी उतरने की आई तो दुल्हे ने उसे अपने कंधे पर उठाया और फिर नदी को पार कराया. इस दौरान किसी ने वीडियो बना लिया, जो वायरल होते ही क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गया है.

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आपको बता दें कि इन दिनों बिहार के कई इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति बनी हुई है. नदियों का जलस्तर बढ़ा हुआ है. नेपाल में हो रही भारी बारिश और वाल्मीकिनगर बराज से अधिक जलस्राव के बाद पूर्वी चंपारण, पष्चिमी चंपारण और गोपालगंज के कई गांवों में बाढ के हालत उत्पन्न हो गए है और कई गांवों में बाढ का खतरा उत्पन्न हो गया है. बाढ़ का पानी गांवों में प्रवेश करने के बाद से लोगों का पलायन शुरू है. मवेशी और खाने-पीने के जरूरी सामान को लेकर ऊंचे स्थलों पर जाने को विवश हैं.