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लोगों को जिंदगी देते-देते डॉक्टर मां की हुई कोरोना से मौत, बेटी को लिखा ये अंतिम संदेश, पढ़कर रो देंगे आप

मौत को हराकर जिंदगी की जंग जीतने की 11 दिनों तक कोशिश की. लेकिन 61 साल की महिला डॉक्टर को मौत ने हरा दिया. वो इस दुनिया को अलविदा कह गई. अंतिम समय में बेटी को मैसेज किया.

Updated on: 18 Apr 2020, 05:28 PM

नई दिल्ली:

कोरोना वायरस (Coronavirus) ने पूरी दुनिया को हिलाकर रख दिया है. आए दिन दिल को दहलाने वाली खबर सामने आ रही है. कोरोना से फ्रंटलाइन पर मुकाबला करने वाले डॉक्टर्स भी इसके संक्रमण में आ जा रहे हैं. अमेरिका से एक ऐसी खबर सामने आई, जो आपको रुलाकर रख देगी. यहां महिला डॉक्टर जो लगातार कोरोना के मरीजों का इलाज कर रही थी वो खुद एक दिन इसकी चपेट में आ गई. दूसरों को जिंदगी देने वाली डॉक्टर खुद मौत से जंग हार गई. लेकिन जाते-जाते उन्होंने अपनी बेटी के लिए एक लास्ट मैसेज लिखा. जिसे पढ़कर किसी का भी दिल रो उठेगा.

लोगों की सांसों की रक्षा करने वाली महिला डॉक्टर का नाम माधवी था. वो पहले भारत में काम करती थी. लेकिन बाद में अमेरिका चली गई. यहां पर वो फिजिशियन असिस्टेंट का काम करती थी. 61 साल की माधवी ब्रुकलिन के वुडहुल मेडिकल सेंटर में इमरजेंसी वार्ड में तैनात थी. यहां कोरोना पेशेंट का ट्रीटमेंट चल रहा था. 18 मार्च को माधवी को भी कोरोना हो गया.

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इसके बाद माधवी को लॉन्ग आइलैंड ज्यूश मेडिकल सेंटर भेज दिया गया. यहां पर वो मौत को हराकर जिंदगी की जंग जीतने की 11 दिनों तक कोशिश की. लेकिन 61 साल की महिला डॉक्टर को मौत ने हरा दिया. वो इस दुनिया को अलविदा कह गई. अंतिम वक्त में वो अपने परिवार से मिल भी नहीं पाई. अस्पताल से उनका घर महज 3 किलोमीटर दूर था.

लेकिन कोरोना पेशेंट होने की वजह से उनके परिवार के लोगों से मिलने नहीं दिया गया. उनकी बेटी मिन्नोली ने कुछ दिनों पहले मां को मैसेज किया था. मिन्नोली ने मां को मैसेज में लिखा, 'वो जल्दी से घर वापस आ जाए. वो उनसे बहुत प्यार करती हैं और उनकी जरूरत है उसे. '

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बेटी के मैसेज का जवाब माधवी ने दिया. उन्होंने कहा कि वो उससे बहुत प्यार करती हैं और जल्द ही वापस आएंगी.

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These are the last texts of a hospital worker to her daughter. Madhvi Aya, who had been a doctor in India, worked in an emergency room in Brooklyn that was battered by the coronavirus. But within days of her last shift as a caregiver, she became infected. Aya, 61, was moved to a hospital less than 2 miles from her husband and 18-year-old daughter on Long Island, but they were not allowed to visit her. In a text with her family, she described horrible chest pain from trying to get out of bed. As she grew sicker, her texts came less frequently and in short, sporadic bursts. Her last message to her daughter was, “Mom be back.” She could not keep that promise. Front-line health care workers face a high risk of contracting the coronavirus, and scores have become sick. Aya’s text messages and her family’s account of her final days reveal a woman who spent much of her life devoted to medicine before succumbing to the cruel and familiar arc of a patient with Covid-19. Her early mild symptoms and quarantine at home were followed by a rapidly escalating illness and long waits for care, until she died alone. Read more at the link in our bio.

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लेकिन बेटी से किया वादा वो पूरा नहीं कर पाई. मां-बेटी के इस मैसेज का स्क्रीनशॉट काफी वायरल हो रहा है. जो भी इसे पढ़ रहा है उसकी आंखों में आंसू आ जा रहे हैं.


मां के गुजर जाने को लेकर मिन्नोली बताती है कि उसने कभी नहीं सोचा था कि इतनी जल्‍दी मां छोड़कर चली जाएगी. हर बेटी की तरह मिन्‍नोली को भी लग रहा है कि उनकी मां अब उनके साथ नहीं है. मिन्नोली कहती हैं, 'मुझे यकीन नहीं हुआ कि अब मां हमारे साथ नहीं. इसलिए मैं मैसेज करती रही, खुद को ये दिलासा देने के लिए कि ये सच नहीं है.'

मिन्नोली बताती हैं कि उनकी मां उन्हें डॉक्टर बनते हुए देखना चाहती थी. वो मेरी शादी होते देखना चाहती थी. लेकिन अब वो नहीं है. मिन्नोली और क्या कुछ कहती हैं देखें इस वीडियो में.

पूरी दुनिया भर में कई डॉक्टर्स ऐसे हैं जो कोरोना से लोगों की जिंदगी बचाते-बचाते खुद की जान गंवा दे रहे हैं. ऐसे डॉक्टर्स को शत् शत् नमन, जिनकी वजह से आज हजारों लोगों की जिंदगी बची हुई है.