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RSS Worker Narayanrao Dabhadkar( Photo Credit : फोटो- Social Media)
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RSS Worker Narayanrao Dabhadkar( Photo Credit : फोटो- Social Media)
देश में कोरोना वायरस (Coronavirus) की दूसरी लहर बड़ी तेजी के साथ बढ़ रही है. देश में इस महामारी (COVID-19) से हाहाकार मचा हुआ है. अस्पतालों में बेड्स और ऑक्सीजन की कमी (Beds and Oxygen Shortage) से लोगों के मरने की संख्या बड़ी तेजी के साथ बढ़ रही है. हर तरफ आंसुओं का सैलाब है. लोग अस्पतालों के बाहर इलाज के लिए तड़प रहे हैं. ऐसे समय में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बुजुर्ग स्वयंसेवक ने मानवता की ऐसी मिशाल पेश की जिसकी जितनी तारीफ की जाए वो कम है. 85 वर्षीय स्वयंसेवक नारायण भाऊराव दाभाडकर ने एक कोरोना मरीज की जान बचाने के लिए अपनी जिंदगी कुर्बान कर दी.
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दरअसल नारायण भाऊराव दाभाडकर ने अस्पताल में ऐसे समय में अपना बेड छोड़ दिया जब उनको भी इलाज की सख्त जरूरत थी. लेकिन इसके बाद भी उन्होंने अपना बेड छोड़ दिया. उन्होंने कहा कि उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी गुजार ली है. अब इस बेड की किसी अन्य को जरूरत है. उन्होंने डॉक्टर्स से कहा कि 'मैं तो अपनी जिंदगी जी चुका हूं, इसके सामने पूरा जीवन बाकी है. इसे कुछ हो गया तो इसके बच्चे अनाथ हो जाएंगे.' ये कह कर वे अस्पताल से घर लौट आए, जहां तीन दिन बाद उनकी मौत हो गई.
केंद्रीय मंत्री ने उनके त्याग को किया नमन
नारायण भाऊराव दाभाडकर की कहानी अब सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है. केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह ने फेसबुक पर उनकी याद में एक पोस्ट किया. अपने पोस्ट में केंद्रीय मंत्री ने लिखा कि 'अस्पताल मे एक 40 वर्षीय युवती के पति को बेड नहीं मिल रहा था. एक बुजुर्ग ने डॉक्टर को पास बुलाया और कहा, "मैंने तो अपना जीवन जी लिया है. मुझसे अधिक इस बेड की आवश्यकता उस परिवार को है." ये बुजुर्ग थे 85 वर्षीय RSS स्वयंसेवक काका नारायण डाभाधकर, जिनका 3 दिन बाद निधन हो गया. परिस्तिथियां विषम हैं. परंतु प्रेरणा के स्रोतों का अभाव नहीं है.'
अस्पताल मे एक 40 वर्षीय युवती के पति को बेड नहीं मिल रहा था। एक बुजुर्ग ने डॉक्टर को पास बुलाया और कहा, "मैंने तो अपना...
Posted by General V.K. Singh on Wednesday, 28 April 2021
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एमपी के सीएम शिवराज ने दी श्रद्धाजंलि
मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने भी दाभाडकर को श्रद्धांजलि दी है. शिवराज सिंह चौहान ने लिखा, ‘दूसरे व्यक्ति की प्राण रक्षा करते हुए श्री नारायण जी तीन दिनों में इस संसार से विदा हो गये. समाज और राष्ट्र के सच्चे सेवक ही ऐसा त्याग कर सकते हैं, आपके पवित्र सेवा भाव को प्रणाम!’ एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा कि ‘मैं 85 वर्ष का हो चुका हूं, जीवन देख लिया है, लेकिन अगर उस स्त्री का पति मर गया तो बच्चे अनाथ हो जायेंगे, इसलिए मेरा कर्तव्य है कि मैं उस व्यक्ति के प्राण बचाऊं. ऐसा कह कर कोरोना पीड़ित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक श्री नारायण जी ने अपना बेड उस मरीज को दे दिया.’
“मैं 85 वर्ष का हो चुका हूँ, जीवन देख लिया है, लेकिन अगर उस स्त्री का पति मर गया तो बच्चे अनाथ हो जायेंगे, इसलिए मेरा कर्तव्य है कि मैं उस व्यक्ति के प्राण बचाऊं।'' ऐसा कह कर कोरोना पीडित @RSSorg के स्वयंसेवक श्री नारायण जी ने अपना बेड उस मरीज़ को दे दिया। pic.twitter.com/gxmmcGtBiE
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) April 27, 2021
बता दें कि नारायण राव दाभाडकर कुछ दिन पहले ही कोरोना संक्रमित हुए थे और उनका ऑक्सीजन लेवल कम होने के चलते उन्हें अस्पताल में एडमिट कराया गया था. उनके दामाद और बेटी ने उन्हें इंदिरा गांधी शासकीय अस्पताल में एडमिट कराया था. उन्हें भी बेड मिलने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा था. एक महिला अपने 40 वर्षीय कोरोना संक्रमित पति के लिए बेड ढूंढते हुए इस अस्पताल पहुंची थीं. बेड नहीं था और महिला पति की जान के लिए जोर-जोर से रो रही थी. महिला का रोना सुनकर दाभाडकर अपने बेड से उठ गए और उन्होंने डॉक्टर्स को बुलाकर कहा कि वे घर जा रहे हैं और उनका बेड इस युवक को दे दिया जाए.
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