पितृपक्ष में घर में पूजा करना शुभ और जरूरी माना जाता है. यह समय हमारे पूर्वजों को याद कर उनका आशीर्वाद पाने का होता है. पूजा, श्राद्ध और तर्पण से पितर प्रसन्न होते हैं और...
पितृपक्ष शुरू हो चुका है. इस समय हमारे पूर्वजों को याद करना और उनका आशीर्वाद लेना बहुत जरूरी होता है. शास्त्रों में बताया गया है कि पितृपक्ष में पूजा करने से पितर खुश होते हैं और हमें सुख, शांति, स्वास्थ्य और समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं. जैसे हम रोज भगवान की पूजा करते हैं, वैसे ही पितृपक्ष में भी पूजा करनी चाहिए. घर या मंदिर में पूजा करके अपने पूर्वजों का स्मरण करें. भगवान का भोग लगाते समय पितरों को याद करें. इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा और शांति बनी रहती है.
पूजा करते समय घर और मन दोनों साफ-सुथरे रखें. सात्विक भोजन करें और मांस, प्याज, लहसुन, शराब आदि से बचें. पूजा के लिए घर की उत्तर-पूर्व दिशा सबसे अच्छी मानी जाती है. अगर वहां पूजा करना संभव न हो तो घर के किसी पवित्र स्थान पर पूजा कर सकते हैं. पूजा के साथ श्राद्ध और तर्पण करना भी जरूरी है. अगर सही विधि न पता हो तो भी श्रद्धा से पितरों को याद करें. इससे वे प्रसन्न होकर हमें आशीर्वाद देंगे.
पितृपक्ष में क्या नहीं खरीदना चाहिए?
पितृपक्ष के समय कुछ चीजें खरीदना वर्जित माना गया है ताकि पूजा और श्रद्धा शुद्ध रहे.
लोहे या लोहे से बने सामान नहीं खरीदें.
नए कपड़े, सोने-चांदी के गहने न खरीदें.
वाहन, जमीन या मकान की खरीदारी से बचें.
जूते-चप्पल, शादी या अन्य मांगलिक सामान न खरीदें.
झाड़ू खरीदना भी इस समय उचित नहीं माना जाता.
पितृपक्ष में क्या खरीदना शुभ है?
कुछ चीजें खरीदना इस समय शुभ माना गया है. जैसे-
जौ, काले तिल, कुशा, चमेली का तेल, चावल आदि खरीद सकते हैं.
धूप, दीप और धार्मिक पुस्तकें भी खरीदना अच्छा होता है.
इन चीजों को दान में देने से पितरों की आत्मा को तृप्ति मिलती है और वे खुश होकर आशीर्वाद देते हैं.
यह भी पढ़ें- Chandra Grahan: भारत में अगला ‘चंद्र ग्रहण’ कब लगेगा? NASA ने बताया
यह भी पढ़ें- Pitru Paksha 2025: पितृपक्ष के पहले दिन किस वक्त करें पितरों का तर्पण, जल चढ़ाने का जानें नियम