Vladimir Putin India Visit: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन गुरुवार यानी 4 दिसंबर को भारत के दौरे पर आ रहे हैं. ऐसे में पुतिन की सुरक्षा को लेकर रूसी अधिकारी भारत पहुंच चुके हैं. भारत में भी पुतिन की सुरक्षा बेहद कड़ी रहेगी.
Vladimir Putin India Visit: रूस के राष्ट्रपति व्लादमीर पुतिन 4 दिसंबर को भारत आ रहे हैं. उनकी सिक्योरिटी के लिए कौन सी टीमें तैनात होंगी? ये सवाल सबके मन में है. इस दौरान भारत और रूस के बीच रक्षा सहयोग विशेषकर S400 एयर डिफेंस सिस्टम की आपूर्ति और उससे जुड़ी रणनीतिक चर्चाएं केंद्र में रहने वाली हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पुतिन के बीच होने वाली उच्च स्तरीय वार्ता से द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूती मिलने की उम्मीद है.
रूस से 60 फीसदी हथियार खरीदता है भारत
बता दें कि भारत रूस की दोस्ती दशकों पुरानी है और दोनों देशों ने समय-समय पर एक दूसरे का रणनीतिक मोर्चों पर साथ दिया है. रूस को अक्सर भारत का ऑल वेदर फ्रेंड कहा जाता है. भारतीय रक्षा ढांचे में रूसी हथियारों का वर्चस्व देखा जा सकता है. भारतीय सेना व सुरक्षा बलों के लगभग 60 प्रतिशत से ज्यादा उपकरण रूसी तकनीक पर आधारित है. S400 मिसाइल प्रणाली और ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल इसका सबसे प्रमुख उदाहरण है. जिन्हें दोनों देशों ने मिलकर विकसित किया और उन्हें भारत की युद्धक क्षमता की रीड माना जाता है.
पुतिन की यात्रा पर रहेगी अभेद सुरक्षा
दुनिया के सबसे प्रभावशाली नेताओं में शामिल पुतिन की सुरक्षा को लेकर वैश्विक स्तर पर विशेष तैयारी की जाती है. जब वह किसी देश के आधिकारिक यात्रा पर जाते हैं तो सुरक्षा प्रोटोकॉल अत्यंत कठोर हो जाते हैं. भारत यात्रा के दौरान भी उनकी सुरक्षा मल्टी लेयर होगी और रूसी सुरक्षा बलों की एक बड़ी टुकड़ी उनके साथ आएगी. रूसी फेडरल प्रोटेक्टिव सर्विस एफपीएस रूस की एक अत्यंत संवेदनशील और विशेष सुरक्षा एजेंसी है जो राष्ट्रपति और अन्य शीर्ष पदाधिकारियों की सुरक्षा संभालती है.
100 एफपीएस कमांडो रहेंगे पुतिन की सुरक्षा में तैनात
1995 में स्थापित यह एजेंसी सीधे राष्ट्रपति के अधिकार और नियंत्रण में कार्य करती है. पुतिन की भारत यात्रा के दौरान भी एफपीएस का एक बड़ा दल उनकी सुरक्षा में तैनात रहेगा. आमतौर पर करीब 100 एफपीएस कमांडो विदेशी दौरों में पुतिन के साथ रहते हैं. इनमें से लगभग आधे अधिकारी पहले से ही उस देश में पहुंचकर सुरक्षा व्यवस्थाओं का जायजा लेते हैं. मार्गों का निरीक्षण करते हैं और उन सभी स्थलों की बारीकी से जांच करते हैं जहां पुतिन का कार्यक्रम तय होता है.
पुतिन का जैविक कचरा भी जाता है रूस वापस
पुतिन की सुरक्षा में भोजन की जांच भी एक अहम हिस्सा होती है. रूस से लाई गई मोबाइल लैब के माध्यम से हर खाद्य पदार्थ की जांच की जाती है ताकि किसी भी तरह की विषाक्तता की आशंका को पहले ही समाप्त किया जा सके. यहां तक कि राष्ट्रपति का व्यक्तिगत जैविक कचरा भी रूस वापस भेजा जाता है. जिससे स्वास्थ्य संबंधी किसी भी संवेदनशील जानकारी का लीक होना रोका जा सके.
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पुतिन की आधिकारिक कार ओरस सेनेट जिसे चलता फिरता किला कहा जाता है. अभी इस दौरे में उनके साथ होगी. यह एक हाई सिक्योरिटी लिमोजीन है. जो पूरी तरह बख्तरबंद और गोलियों, विस्फोटों और यहां तक कि रासायनिक हमलों से भी सुरक्षा प्रदान कर सकती है.
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