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Photograph: (ANI)
India-Russia Relations: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 4 से 5 दिसंबर तक भारत की दो दिवसीय यात्रा पर आ रहे हैं. वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ 23वीं भारत-रूस वार्षिक शिखर वार्ता में शामिल होंगे. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भी पुतिन का स्वागत करेंगी और उनके सम्मान में भोज का आयोजन करेंगी.
रूस के विदेश मंत्रालय के अनुसार, यह यात्रा दोनों देशों के बीच ‘विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी’ को और मजबूत करेगी और आपसी संबंधों की प्रगति की समीक्षा करने का अवसर देगी.
Opportunity to review spectrum of strategic partnership: Russian MFA ahead of Putin's India visit
— ANI Digital (@ani_digital) November 28, 2025
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साझेदारी के पूरे दायरे की समीक्षा
रूसी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि यह यात्रा राजनीति, व्यापार, अर्थव्यवस्था, विज्ञान, तकनीक, संस्कृति और मानवीय सहयोग जैसे विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग की समीक्षा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी. दोनों देश हर वर्ष बारी-बारी से शिखर सम्मेलन आयोजित करते हैं. अब तक 22 वार्षिक बैठकें हो चुकी हैं. इस बार की यात्रा 2021 के बाद पुतिन की पहली भारत यात्रा होगी. इससे पहले दोनों नेता सितंबर 2023 में चीन के तियानजिन में SCO शिखर सम्मेलन के दौरान मिले थे.
किन मुद्दों पर होगी चर्चा?
मोदी और पुतिन के बीच होने वाली वार्ता में इन मुद्दों पर बात होने की संभावना है-
रक्षा और सुरक्षा सहयोग
व्यापार और निवेश बढ़ाने के उपाय
असैन्य परमाणु ऊर्जा का विस्तार
यूक्रेन संघर्ष पर विचार-विमर्श
एस-400 मिसाइल प्रणाली की अतिरिक्त खेप खरीद
जानकारी के मुताबिक, भारत रूस से एस-400 मिसाइल सिस्टम की और यूनिट खरीदने पर विचार कर रहा है, क्योंकि यह ऑपरेशन ‘सिंदूर’ में प्रभावी साबित हुआ था.
समझौतों पर हस्ताक्षर की उम्मीद
रूसी पक्ष ने कहा है कि वार्ता के बाद संयुक्त बयान जारी किया जाएगा और कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर होने की संभावना है. रूसी समाचार एजेंसी TASS के अनुसार, क्रेमलिन ने इस यात्रा को दोनों देशों के संबंधों के लिए ‘बहुत महत्वपूर्ण समय’ बताया है और कहा है कि यह यात्रा रणनीतिक साझेदारी को नई दिशा देगी.
एस जयशंकर ने पुतिन से की थी मुलाकात
हाल ही में, भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मॉस्को में पुतिन से मुलाकात की थी और तैयारियों की जानकारी दी थी. जयशंकर ने सोशल मीडिया पर लिखा कि उन्होंने पुतिन को प्रधानमंत्री मोदी के अभिवादन भी दिए और क्षेत्रीय व वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की.
भारत-रूस संबंधों का इतिहास
भारत और रूस ने वर्ष 2000 में रणनीतिक साझेदारी समझौते पर हस्ताक्षर किए थे और 2010 में इसे ‘विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी’ का दर्जा दिया गया. दोनों देशों के बीच दशकों से मजबूत रक्षा, अंतरिक्ष और आर्थिक सहयोग रहा है.
कुल मिलाकर, पुतिन की यह यात्रा भारत-रूस संबंधों में एक नया अध्याय जोड़ने वाली मानी जा रही है और दोनों देशों के बीच कई महत्वपूर्ण समझौते होने की उम्मीद है.
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