उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली और हर्षिल इलाके में हाल ही में बादल फटने से भारी तबाही हुई है. तेज बहाव के साथ आए मलबे और पानी ने घर, सड़कें और पुल तक बहा दिए. इस आपदा के बाद राज्य सरकार, सेना और राहत एजेंसियां युद्धस्तर पर काम कर रही हैं. इसी बीच, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बड़ा ऐलान किया कि वे इस आपदा से प्रभावित लोगों की मदद के लिए अपनी एक महीने की सैलरी दान करेंगे. उन्होंने आम जनता, जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों और स्वयंसेवी संस्थाओं से भी अपील की है कि वे अपनी क्षमता के अनुसार सहयोग करें.
एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और बीआरओ की टीमों की तैनाती
एनडीआरएफ के डीआईजी मोहसेन शाहदी के अनुसार, उत्तराखंड में कुल 18 टीमें तैनात हैं, जिनमें से 4 टीमें धराली में राहत-बचाव कार्य कर रही हैं, जबकि बाकी टीमें स्टैंडबाय पर हैं. अब तक करीब 274 लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है.
एसडीआरएफ ने बताया कि गंगोत्री में फंसे 21 लोगों को हेलीकॉप्टर से नेलोंग से हर्षिल लाया गया. वहीं, बीआरओ के अधिकारी अमित कुमार ने जानकारी दी कि उनकी चार मशीनें लगातार मलबा हटाने में लगी हैं और अब तक 150 से 175 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है. हालांकि, अभी भी 20 से 40 मकान पूरी तरह मलबे में दबे हैं.
मलबे में दबे घर और मिलीं पांच लाशें
बचाव कार्य में लगी टीमें- बीआरओ, आईटीबीपी, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ, लगातार दिन-रात काम कर रही हैं. अब तक मलबे से पांच शव बरामद हुए हैं. सरकार ने बताया कि गंगोत्री और आसपास के क्षेत्रों से 274 लोगों को हर्षिल लाया गया है, जिनमें 131 गुजरात, 123 महाराष्ट्र, 21 मध्य प्रदेश, 12 उत्तर प्रदेश, छह राजस्थान, सात दिल्ली, पांच असम, पांच कर्नाटक, तीन तेलंगाना और एक पंजाब से हैं. सभी को सुरक्षित स्थानों जैसे उत्तरकाशी और देहरादून भेजा जा रहा है.
भारी बारिश से चारधाम यात्रा पर असर
भारी बारिश के कारण उत्तराखंड का जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है. मौसम विभाग ने देहरादून, चमोली, उत्तरकाशी, पौड़ी, बागेश्वर, पिथौरागढ़, नैनीताल और चंपावत में भारी बारिश की चेतावनी दी है. 12 अगस्त तक राज्य में रेड अलर्ट जारी है. इस वजह से केदारनाथ, बद्रीनाथ और गंगोत्री की यात्रा रोक दी गई है, जबकि यमुनोत्री के लिए केवल छोटे वाहनों को अनुमति है.
बद्रीनाथ हाईवे का 30 मीटर हिस्सा बह जाने से हेमकुंड साहिब और बद्रीनाथ यात्रा भी अस्थायी रूप से बंद है. प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि जब तक हालात सामान्य न हों, यात्रा पर न जाएं.
कुल मिलाकर, मानसून की तबाही से उत्तराखंड बुरी तरह प्रभावित है और प्रशासन हर संभव कोशिश कर रहा है कि हालात जल्द सामान्य हों.
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