उत्तरकाशी की धराली घाटी, जो कभी गंगोत्री धाम जाने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों का मुख्य ठिकाना हुआ करती थी, अब आपदा के बाद वीरान और खतरनाक इलाका बन चुकी है. हाल ही में आई बाढ़ और भूस्खलन के बाद यहां की स्थिति बेहद खराब हो चुकी है. दुकानें, होटल, गांव और मार्केट बुरी तरह तबाह हो चुके हैं.
धराली के हालात इतने गंभीर हैं कि वहां तक पहुंचना अब आसान नहीं रहा. रास्ते में कई जगह भारी भूस्खलन हुआ है. सड़कें टूटी हुई हैं और जहां रास्ता बचा है, वह भी फिसलन भरा और बेहद खतरनाक है.
जारी है रेस्क्यू ऑपरेशन
राहत और बचाव कार्यों के लिए अस्थाई शिविर बनाए गए हैं. बिजली और मोबाइल नेटवर्क को बहाल करने की कोशिश जारी है. लोगों को हेलीकॉप्टर के जरिए सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया जा रहा है. कुछ जगहों पर अस्थाई पुल भी बनाए जा रहे हैं ताकि इमरजेंसी सेवाएं और जरूरी सामान लोगों तक पहुंच सके.
रेस्क्यू टीमें लगातार तीन मोर्चों पर काम कर रही हैं- पहला, फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकालना. दूसरा, जरूरी सेवाओं के लिए वैकल्पिक रास्ते बनाना और तीसरा, प्रभावित इलाकों में राहत सामग्री पहुंचाना.
इस आपदा के बीच सरकार और राहत एजेंसियां हर संभव कोशिश कर रही हैं कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को बचाया जा सके और जनजीवन को जल्द से जल्द सामान्य किया जा सके. हालांकि धराली और आसपास के गांवों तक राहत पहुंचाने में अभी भी भारी चुनौतियां बनी हुई हैं.
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