उत्तरकाशी आपदा: ये हैं रेस्क्यू ऑपरेशन में चार बड़े ‘विलेन’, सेना-एयरफोर्स दिखा रहीं पराक्रम

उत्तरकाशी के धराली क्षेत्र में चल रहा रेस्क्यू ऑपरेशन बेहद चुनौतीपूर्ण बना हुआ है. यहां राहत और बचाव कार्य में चार बड़ी रुकावटें सामने आ रही हैं, जिन्हें स्थानीय लोग ‘रेस्क्यू ऑपरेशन के चार विलेन’ कह रहे हैं.

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Deepak Kumar
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उत्तरकाशी के धराली क्षेत्र में चल रहा रेस्क्यू ऑपरेशन बेहद चुनौतीपूर्ण बना हुआ है. यहां राहत और बचाव कार्य में चार बड़ी रुकावटें सामने आ रही हैं, जिन्हें स्थानीय लोग ‘रेस्क्यू ऑपरेशन के चार विलेन’ कह रहे हैं.

उत्तरकाशी के धराली क्षेत्र में चल रहा रेस्क्यू ऑपरेशन बेहद चुनौतीपूर्ण बना हुआ है. यहां राहत और बचाव कार्य में चार बड़ी रुकावटें सामने आ रही हैं, जिन्हें स्थानीय लोग ‘रेस्क्यू ऑपरेशन के चार विलेन’ कह रहे हैं.

पहली बाधा है- करीब 30 फीट ऊंचा और लंबा मलबा, जिसे हटाना आसान नहीं है. दूसरी समस्या है- लगातार हो रही बारिश और घना कोहरा, जो हेलीकॉप्टर और ग्राउंड टीमों के काम में अड़चन डाल रहा है. तीसरा विलेन है- जगह-जगह हुए लैंडस्लाइड, जिससे रास्ते बार-बार बंद हो रहे हैं. चौथा और सबसे गंभीर कारण है- सड़क और पुल का ध्वस्त होना, जिसके कारण धराली तक जमीनी रास्ते से मदद पहुंचाना बेहद मुश्किल हो गया है.

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मातली हेलीपैड से बड़े पैमाने पर रेस्क्यू

मातली हेलीपैड पर रेस्क्यू किए गए लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने का सिलसिला जारी है. मिली जानकारी के मुताबिक, गुरुवार (7 अगस्त) को यहां 260 लोगों को रेस्क्यू कर लाया गया, जिन्हें प्रशासन ने देहरादून और अन्य गंतव्यों तक भेजने की व्यवस्था की. इनमें यात्री और स्थानीय लोग शामिल थे.

इसके अलावा, हर्षिल से सीधे देहरादून के जॉली ग्रांट एयरपोर्ट तक 110 लोगों को एमआई और चिनूक हेलीकॉप्टर के जरिए सुरक्षित पहुंचाया गया. इस तरह कुल मिलाकर 360 लोगों को एक ही दिन में रेस्क्यू किया गया. खास बात यह रही कि मौसम ने साथ दिया, जिससे बचाव कार्य अपेक्षा से तेजी से हो सका.

राहत सामग्री और बुनियादी सुविधाओं की बहाली

रेस्क्यू के साथ-साथ धराली और आसपास के क्षेत्रों में राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है. खाद्यान्न और आवश्यक किट प्रभावित लोगों तक भेजी जा रही हैं. पानी की पाइपलाइनें क्षतिग्रस्त होने के कारण उनकी मरम्मत के लिए टीमें भेजी गई हैं.

रिपोर्ट के मुताबिक, बिजली अभी तक हर्षिल और धराली में बहाल नहीं हो पाई है. BSNL का मोबाइल टावर भी काम नहीं कर रहा, जिसे दुरुस्त करने का कार्य युद्धस्तर पर जारी है.

ब्रिज बनाने का काम जारी

गगनानी में बेली ब्रिज बनाने का काम तेजी से चल रहा है. इसके लिए जरूरी 10 ट्रक सामग्री ऋषिकेश से रवाना हो चुकी है. मौके पर एनडीआरएफ, बीआरओ इंजीनियर्स, एसडीआरएफ और सेना की टीमें चौबीसों घंटे काम कर रही हैं.

ग्राउंड जीरो पर सभी एजेंसियां- सेना, एयरफोर्स, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आईटीबीपी और स्थानीय प्रशासन मिलकर राहत कार्य में जुटी हुई हैं. कल का दिन राहतकर्मियों के लिए राहत भरा रहा क्योंकि मौसम ने सहयोग किया और बड़ी संख्या में लोगों को सुरक्षित निकालना संभव हुआ.

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