उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में आई भीषण आपदा ने पूरे इलाके को तबाह कर दिया. न्यूज नेशन के ड्रोन कैमरे में यहां की खौफनाक तस्वीरें कैद हुईं, जहां खीर गंगा नदी के सैलाब ने गांव का वजूद मिटा दिया.
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में आई भीषण आपदा ने यहां की तस्वीर पूरी तरह बदल दी है. न्यूज नेशन के ड्रोन कैमरे ने इस तबाही के खौफनाक दृश्य को आसमान से कैद किया. जो कभी हंसता-खेलता गांव था, वह अब मलबे का ढेर और वीरानी का प्रतीक बन चुका है.
ड्रोन फुटेज में साफ दिखता है कि किस तरह खीर गंगा नदी का सैलाब इस छोटे से गांव का वजूद मिटा ले गया. पानी और मलबे का तूफान गुजर चुका है, लेकिन पीछे छोड़ गया है तबाही और बर्बादी के गहरे निशान. कई मकान पूरी तरह मलबे में दब चुके हैं, कहीं सिर्फ छतें दिखाई दे रही हैं तो कहीं घर ताश के पत्तों की तरह बिखर गए हैं.
गांव के लोग कहां हैं, इसका किसी को पता नहीं. सड़कों और गलियों में अब सिर्फ एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के जवान नजर आते हैं, जो यहां जिंदगी की तलाश में जुटे हैं. ड्रोन कैमरा नदी के उस मुहाने तक भी गया, जहां से यह तबाही शुरू हुई थी. अब वहां नदी की एक पतली धार बह रही है, किनारे पर मोटा-मोटा मलबा जमा है, जिसने गांव को पूरी तरह उजाड़ दिया. कभी सैलानियों से भरे बाजार और होटल अब खंडहर बन गए हैं.
तबाही का यह मलबा कितना गहरा है, इसका सही अंदाजा किसी को नहीं है. कुछ लोग इसे 30 फीट बताते हैं, तो कुछ 60 फीट. और इस मलबे में कितनी जिंदगियां दफन हैं, यह भी एक अनसुलझा सवाल है.
रेस्क्यू मिशन में हर मोर्चे पर जांबाज
धराली में राहत और बचाव कार्य में कई एजेंसियां लगी हैं. भारतीय सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आईटीबीपी, वायुसेना, सीमा सड़क संगठन और बीएजी रुड़की लगातार मोर्चा संभाले हुए हैं. वायुसेना के चिनूक हेलीकॉप्टर से दुर्गम इलाकों में राहत सामग्री और बचाव दल पहुंचाए जा रहे हैं. स्पेशल फोर्सेस और खोजी डॉग्स भी तैनात हैं, जो मलबे में दबे लोगों का पता लगाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं.
धराली आज मलबे और सन्नाटे का गांव बन चुका है. कोई नहीं जानता कि यह धरती फिर से कब आबाद होगी, लेकिन जांबाज रेस्क्यू टीमें उम्मीद की किरण बनाए हुए हैं.
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