UKSSSC Paper Leak Case: पेपर लीक मामले में सीएम धामी का बड़ा ऐलान, अब सीबीआई करेगी जांच

उत्तराखंड में UKSSSC पेपर लीक मामले पर आठ दिन से आंदोलन कर रहे छात्रों को बड़ा राहत मिला है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सीबीआई जांच की संस्तुति की घोषणा की है. उन्होंने छात्रों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने का भी ऐलान किया.

उत्तराखंड में UKSSSC पेपर लीक मामले पर आठ दिन से आंदोलन कर रहे छात्रों को बड़ा राहत मिला है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सीबीआई जांच की संस्तुति की घोषणा की है. उन्होंने छात्रों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने का भी ऐलान किया.

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Deepak Kumar
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CM Dhami

उत्तराखंड में यूकेएसएसएससी (UKSSSC) की स्नातक स्तरीय परीक्षा के पेपर लीक मामले को लेकर छात्रों का आंदोलन पिछले आठ दिनों से जारी था. सोमवार (29 सितंबर) को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी अचानक देहरादून के परेड ग्राउंड पहुंचे और धरना दे रहे छात्रों से मुलाकात की. सीएम ने उनकी मांगें सुनीं और ऐलान किया कि इस पूरे प्रकरण की सीबीआई जांच की सिफारिश की जाएगी. उन्होंने छात्रों को लिखित रूप से भी यह आश्वासन दिया.

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मुकदमे वापस लेने और अन्य मांगों पर सहमति

आपको बता दें कि सीएम धामी ने न सिर्फ सीबीआई जांच की घोषणा की बल्कि आंदोलन कर रहे युवाओं पर दर्ज मुकदमे भी वापस लेने का ऐलान किया. हालांकि पेपर रद्द करने पर उन्होंने कहा कि पहले एसआईटी की रिपोर्ट आने का इंतजार करना होगा. सीएम ने छात्रों से कहा कि अब त्योहारों का समय है और सभी को अपने घर जाकर त्योहार मनाना चाहिए.

कैसे हुआ पेपर लीक

दरअसल, यह मामला 21 सितंबर को हरिद्वार से सामने आया था. पुलिस की जांच में पता चला कि मुख्य आरोपी खालिद मलिक ने परीक्षा केंद्र से प्रश्नपत्र की फोटो खींचकर अपनी बहन साबिया को भेजी. साबिया ने यह प्रश्नपत्र टिहरी की असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन तक पहुंचाया. सुमन ने प्रश्न हल कर अभ्यर्थियों को उपलब्ध कराए. पुलिस ने खालिद और उसकी बहन को गिरफ्तार कर लिया है.

कई अधिकारी-कर्मचारी निलंबित

राज्य सरकार की जांच एजेंसियों ने इस मामले में अब तक कई अधिकारियों और कर्मचारियों को निलंबित किया है. हरिद्वार के सेक्टर मजिस्ट्रेट केएन तिवारी और टिहरी की असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया. इसके अलावा परीक्षा केंद्र पर ड्यूटी कर रहे एक दारोगा और एक कांस्टेबल को भी सस्पेंड कर दिया गया है.

आयोग का गठन

सरकार ने इस मामले की गहराई से जांच के लिए एकल सदस्यीय आयोग का भी गठन किया है. नैनीताल हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति यूसी ध्यानी इसके अध्यक्ष होंगे. आयोग, एसआईटी की जांच रिपोर्ट के आधार पर मार्गदर्शन देगा.

इस फैसले के बाद छात्रों में उत्साह देखने को मिला और आंदोलन के खत्म होने की संभावना बढ़ गई है. फिलहाल, गृह मंत्रालय की मंजूरी के बाद सीबीआई इस मामले की जांच शुरू करेगी.

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