उत्तर प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री आवास योजना को लेकर अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं. बता दें कि ग्रामीण क्षेत्रों में मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत अब केवल वास्तविक पात्र लोगों को ही लाभ मिलेगा.
उत्तर प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री आवास योजना को लेकर सख्त नजर आ रही है. ग्रामीण क्षेत्रों में सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं को तेजी से लागू करने और असली लाभार्थियों तक उनका लाभ पहुंचाने के लिए प्रशासनिक स्तर पर लगातार बैठकों और समीक्षाओं का सिलसिला जारी है. इसी क्रम में शुक्रवार (31 अक्टूबर) को खंड विकास अधिकारी (बीडीओ) बृज बिहारी त्रिपाठी की अध्यक्षता में ग्राम स्तर के कर्मचारियों की एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें मुख्यमंत्री आवास योजना समेत कई सामाजिक कल्याण योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की गई.
बैठक में बीडीओ ने ग्राम पंचायत सचिवों को निर्देश दिए कि मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत पात्र लाभार्थियों के आवेदनों को जल्द से जल्द ब्लॉक मुख्यालय तक भेजा जाए. उन्होंने कहा कि योजना का लाभ वास्तविक पात्र लोगों को मिले, जैसे- विधवा महिलाएं, आश्रयहीन और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की महिलाएं, दिव्यांगजन, प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित परिवार, तथा नट और बंजारा जैसी घुमंतु जनजातियां. उन्होंने इस प्रक्रिया को निष्पक्ष, पारदर्शी और समयबद्ध तरीके से पूरा करने पर जोर दिया.
साथ ही बीडीओ ने आईजीआरएस पोर्टल पर दर्ज शिकायतों के त्वरित निस्तारण और ‘एक परिवार, एक पहचान’ कार्यक्रम को गंभीरता से लागू करने के निर्देश दिए, ताकि योजनाओं का सही लक्ष्य समूह निर्धारित किया जा सके और लाभ समय पर पहुंच सके.
सहायक विकास अधिकारी ने दिए ये निर्देश
सहायक विकास अधिकारी (पंचायत) इंद्रपाल सिंह भदौरिया ने सचिवों को निर्देश दिया कि वे अपनी ग्राम पंचायतों में फिल्टर चेंबर निर्माण कार्य को प्राथमिकता से पूरा करें ताकि गांवों में स्वच्छता और जल निकासी व्यवस्था बेहतर हो सके. उन्होंने आरआरसी केंद्रों के सुचारू संचालन और गौशालाओं में ठंड से सुरक्षा की उचित व्यवस्था सुनिश्चित करने को भी कहा. साथ ही गौशाला कर्मियों के मानदेय का समय पर भुगतान करने का निर्देश दिया गया.
सहायक विकास अधिकारी (समाज कल्याण) ने सामूहिक विवाह योजना, शादी अनुदान योजना और कन्या सुमंगला योजना से संबंधित आवेदनों की जांच और सत्यापन कार्य तत्परता से पूरा करने पर बल दिया. उन्होंने स्पष्ट किया कि पात्रता निर्धारण में किसी भी प्रकार की देरी या लापरवाही स्वीकार्य नहीं होगी.
बैठक में सभी अधिकारियों और कर्मचारियों ने योजनाओं के पारदर्शी संचालन, लक्षित लाभार्थियों की पहचान और सामुदायिक कल्याण कार्यक्रमों को प्रभावी ढंग से लागू करने की प्रतिबद्धता दोहराई.
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