दिल्ली में यमुना का जल स्तर अब घट गया है और बाढ़ का खतरा काफी कम हो गया है. लेकिन बाढ़ का पानी निकलने के बाद सबसे बड़ी समस्या कीचड़ और रुका हुआ पानी बन गई है. ऐसे पानी में मच्छर पनपते हैं, जिससे डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया जैसी बीमारियां फैल सकती हैं.
दिल्ली में यमुना का जल स्तर अब धीरे-धीरे घट रहा है. वर्तमान में जल स्तर लगभग 205.50 मीटर है, जबकि खतरे का निशान 205.33 मीटर है. यानी बाढ़ का खतरा अब कम हो गया है. परंतु, बाढ़ का पानी निकलने के बाद सबसे बड़ी समस्या कीचड़ और रुका हुआ पानी बन गई है. यमुना बाजार सबसे ज्यादा प्रभावित इलाका है क्योंकि यह सीधे यमुना नदी के किनारे है. यहां पानी तो निकल गया है, लेकिन कीचड़ में मच्छर और बैक्टीरिया पनपने का खतरा बढ़ गया है.
बीमारियों का डर
स्थानीय लोग बता रहे हैं कि रुके हुए पानी में डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया जैसी बीमारियां तेजी से फैलती हैं. 2023 में भी बाढ़ के बाद इन बीमारियों के मामले बढ़े थे. गणेश नाम के व्यक्ति ने बताया कि उनके पैरों में इंफेक्शन हो गया है और कई लोगों को बुखार, जुकाम व बलगम जैसी समस्याएं हो रही हैं. बच्चे और बुजुर्ग सबसे ज्यादा खतरे में हैं. कीचड़ की सफाई में समय लग रहा है और लोग प्रशासन से जल्द सफाई कराने की गुहार लगा रहे हैं ताकि आवाजाही सामान्य हो सके.
प्रशासन से मदद की अपेक्षा
लोगों का कहना है कि नगर निगम को फॉगिंग और सफाई का काम तुरंत शुरू करना चाहिए. इससे मच्छरों का खतरा कम होगा और बीमारियां फैलने से रोकी जा सकेंगी. साथ ही, बाढ़ से हुए नुकसान की भरपाई भी प्रशासन से की जा रही है. लोगों का डर है कि अगर समय रहते सफाई नहीं हुई तो बीमारी फैल सकती है.
यमुना का जल स्तर भले घट गया हो, लेकिन रुके हुए पानी और कीचड़ ने नया संकट खड़ा कर दिया है. प्रशासन को समय पर सफाई और स्वास्थ्य सुरक्षा के उपाय करने होंगे ताकि लोग सुरक्षित रह सकें और बीमारी से बचाव हो.
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