भाई दूज के पावन अवसर पर आज (23 अक्टूबर) सुबह 8:30 बजे वैदिक मंत्रोच्चार के साथ केदारनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने धाम पहुंचकर विशेष पूजा-अर्चना की और प्रदेशवासियों की सुख, समृद्धि और कल्याण की कामना की.
उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जनपद में स्थित भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक श्री केदारनाथ धाम के कपाट आज (23 अक्टूबर) भाई दूज के पावन अवसर पर शीतकाल के लिए विधि-विधानपूर्वक बंद कर दिए गए. सुबह 4 बजे से विशेष पूजा-अर्चना और भस्म स्नान के साथ कपाट बंदी की प्रक्रिया आरंभ हुई, जो सुबह 8:30 बजे मंत्रोच्चार और धार्मिक परंपराओं के बीच सम्पन्न हुई. मंदिर परिसर हर-हर महादेव के जयकारों से गूंज उठा.
इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केदारनाथ धाम पहुंचकर विशेष पूजा-अर्चना की और प्रदेशवासियों की सुख, समृद्धि और कल्याण की कामना की. मुख्यमंत्री ने स्थानीय तीर्थ पुरोहितों, हक-हकूकधारियों और श्रद्धालुओं से बातचीत करते हुए कहा कि इस वर्ष रिकॉर्ड 17.39 लाख श्रद्धालुओं ने बाबा केदार के दर्शन किए हैं, जो श्रद्धा और विश्वास का प्रतीक है.
कपाट बंदी के साथ रवाना हुई बाबा की पंचमुखी डोली
कपाट बंद होने के बाद बाबा केदार की पंचमुखी चल विग्रह डोली ओंकारेश्वर मंदिर, ऊखीमठ के लिए रवाना हुई. यहां बाबा अगले छह माह तक शीतकालीन गद्दी स्थल पर विराजेंगे. बाबा की डोली आज रामपुर में रात्रि विश्राम करेगी, फिर गुप्तकाशी होते हुए 25 अक्टूबर को ऊखीमठ पहुंचेगी. हजारों श्रद्धालु इस पवित्र क्षण के साक्षी बने और बाबा के दर्शन करते हुए भावुक हो उठे.
सीएम धामी ने निरीक्षण कर दिए निर्देश
मुख्यमंत्री धामी ने इस मौके पर धाम में चल रहे विकास और पुनर्निर्माण कार्यों का निरीक्षण भी किया. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केदारनाथ सहित चारों धामों में भव्य विकास कार्य पूरे किए जा रहे हैं. सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वर्ष 2026 की यात्रा के लिए अभी से रणनीति तैयार की जाए, ताकि यात्रा को और सुरक्षित व सुविधाजनक बनाया जा सके.
चारधाम यात्रा में रिकॉर्ड श्रद्धालु पहुंचे
सीएम धामी ने बताया कि इस वर्ष चारधाम यात्रा में कुल 50 लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचे हैं, जो एक नया रिकॉर्ड है. उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा ने न केवल प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूती दी है, बल्कि उत्तराखंड को विश्व स्तर पर सनातन आस्था की आध्यात्मिक राजधानी के रूप में स्थापित किया है.
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