महाराष्ट्र के पुणे जिले का शनिवारवाड़ा सुर्खियों में है. दरअसल, यहां पर कुछ मुस्लिम महिलाओं का नमाज अदा करने का वीडियो वायरल हो गया, जिसके बाद बीजेपी नेत्री मेधा कुलकर्णी ने अपने समर्थकों के साथ मिलकर उस जगह का शुद्धिकरण किया.
महाराष्ट्र के पुणे का प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्थल शनिवारवाड़ा इन दिनों विवादों के केंद्र में है. दरअसल, सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें कुछ मुस्लिम महिलाएं शनिवारवाड़ा के अंदर नमाज अदा करती हुई दिखाई दीं. वीडियो सामने आने के बाद कई हिंदू संगठनों ने इस घटना का विरोध किया. मामला बढ़ने पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) की राज्यसभा सांसद मेधा कुलकर्णी भी मौके पर पहुंचीं और प्रदर्शन में शामिल हुईं.
किया गया शुद्धिकरण
मेधा कुलकर्णी ने विरोध जताते हुए गौमूत्र से उस स्थान का शुद्धिकरण कराया और कहा कि शनिवारवाड़ा मराठा साम्राज्य का गौरव और प्रतीक है. उन्होंने कहा कि यहां नमाज पढ़ना अनुचित है और इस तरह की घटनाएं समाज में तनाव पैदा कर सकती हैं. उन्होंने यह भी बताया कि हिंदू समाज ने शिव वंदना कर इस स्थान की शुद्धि की है और ऐसी घटनाएं दोबारा न हों, इसके लिए भारतीय पुरातत्व विभाग (ASI) को चेतावनी दी गई है.
इस विवाद को लेकर कई हिंदू संगठनों ने भी प्रदर्शन किया और प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की. संगठनों का कहना है कि ऐतिहासिक धरोहरों का धार्मिक उपयोग नहीं होना चाहिए, क्योंकि ये सभी भारतीयों की सांस्कृतिक विरासत हैं.
शनिवारवाड़ा का इतिहास
शनिवारवाड़ा का निर्माण पेशवा बाजीराव प्रथम ने वर्ष 1732 में कराया था. शनिवार के दिन इसका शिलान्यास हुआ, इसलिए इसका नाम शनिवारवाड़ा पड़ा. यह किला लकड़ी और पत्थर से बना भव्य महल था, जिसमें पांच मुख्य दरवाजे और नौ टावर थे. कहा जाता है कि यह तेरह मंजिला इमारत थी और उस समय का राजनीतिक, प्रशासनिक और सांस्कृतिक केंद्र हुआ करती थी. यहीं से पेशवा बाजीराव, नाना साहेब, माधवराव और नारायणराव जैसे मराठा शासकों ने शासन किया और मराठा साम्राज्य की युद्ध नीति और शासन के फैसले लिए.
1818 में अंग्रेजों ने शनिवारवाड़ा पर कब्जा कर लिया, और कुछ साल बाद 1828 में भीषण आग में इसका बड़ा हिस्सा नष्ट हो गया. अब यहां सिर्फ पत्थर की दीवारें और दरवाजे शेष हैं. वर्तमान में यह स्थल एएसआई द्वारा संरक्षित स्मारक है और हर शाम यहां लाइट एंड साउंड शो के माध्यम से इसके गौरवशाली इतिहास को दर्शाया जाता है.
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