चीन के तियांजिन शहर में हुए SCO शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी सदस्य देशों के नेताओं से मुलाकात की. लेकिन पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से उन्होंने पूरी तरह दूरी बनाए रखी. वहीं शहबाज शरीफ बार-बार रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन से मिलने की कोशिश करते दिखे. शुरुआत में पुतिन ने उन्हें नजरअंदाज किया, बाद में औपचारिक रूप से हाथ मिलाया.
7 साल बाद चीन पहुंचे मोदी
पीएम मोदी करीब 7 साल बाद चीन की यात्रा पर पहुंचे. इस मौके पर चीन ने उनका शानदार स्वागत किया. राष्ट्रपति शी जिनपिंग और पीएम मोदी के बीच लगभग एक घंटे तक बातचीत हुई. दोनों नेताओं की गर्मजोशी साफ झलक रही थी. यह मुलाकात दुनिया के लिए खास थी क्योंकि अमेरिका समेत सभी बड़ी ताकतें इस पर नजर रखे हुए थीं.
मोदी-जिनपिंग की ऐतिहासिक मुलाकात
तियांजिन में जब पीएम मोदी और राष्ट्रपति जिनपिंग ने हाथ मिलाया तो यह दृश्य बेहद ऐतिहासिक रहा. मीडिया और पत्रकार इस पल को अपने कैमरे में कैद करने के लिए उत्साहित थे. दोनों नेताओं की बॉडी लैंग्वेज और आपसी सम्मान से यह साफ दिखाई दिया कि भारत और चीन रिश्तों को नई दिशा देने की तैयारी में हैं.
बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि भारत-चीन के मजबूत रिश्तों से करीब 2.8 अरब लोगों को फायदा होगा. उन्होंने भरोसा जताया कि आपसी विश्वास, सम्मान और संवेदनशीलता के आधार पर दोनों देश आगे बढ़ सकते हैं. वहीं राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भी माना कि मोदी की यात्रा से भारत-चीन संबंध और बेहतर होंगे.
रिश्तों का नया दौर
2014 में जब शी जिनपिंग भारत आए थे तो पीएम मोदी ने साबरमती रिवरफ्रंट पर उनका विशेष स्वागत किया था. हालांकि, गलवान घाटी की झड़प ने दोनों देशों के रिश्तों में खटास ला दी थी. अब बदलते हालात में दोनों देशों को एहसास हुआ है कि सहयोग ही सबसे बेहतर रास्ता है. यही कारण है कि चीन ने इस बार मोदी के लिए लाल कालीन बिछाकर स्वागत किया और रिश्तों में नई गर्माहट लाने का संकेत दिया.
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