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PM Modi ignoring Shehbaz Sharif Photograph: (Social Media)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लंबे समय के बाद चीन की यात्रा पर गए हैं. वह तियानजिन शहर में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक में हिस्सा ले रहे हैं. इस समिट के दौरान मोदी ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन और अन्य देशों के नेताओं से भी मुलाकात की.
हालांकि, इस समिट में सबसे ज्यादा ध्यान खींचने वाली घटना रही जब पीएम मोदी ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को पूरी तरह से नजरअंदाज किया. डिनर के दौरान दोनों एक ही हॉल में मौजूद थे, लेकिन मोदी ने शरीफ से दूरी बनाए रखी. तस्वीरों में देखा गया कि दोनों एक-दूसरे की तरफ पीठ किए खड़े थे. यह कदम पाकिस्तान को साफ संदेश है कि भारत आतंकवाद को लेकर अपना कड़ा रुख जारी रखेगा.
#WATCH | Prime Minister Narendra Modi, Russian President Vladimir Putin and Chinese President Xi Jinping had a candid interaction as the world leaders arrived at the venue of the Shanghai Cooperation Council (SCO) Summit in Tianjin, China. pic.twitter.com/d3wzxh833d
— ANI (@ANI) September 1, 2025
आतंकवाद और बातचीत अलग
प्रधानमंत्री मोदी के इस रुख ने एक बार फिर स्पष्ट कर दिया कि आतंकवाद और बातचीत साथ-साथ नहीं चल सकते. यह भारत की विदेश नीति और क्षेत्रीय सुरक्षा के प्रति कड़े रुख को दर्शाता है. चीन और रूस के नेताओं के सामने यह व्यवहार यह दिखाता है कि भारत किसी भी आतंकवादी गतिविधि को बर्दाश्त नहीं करेगा.
SCO समिट का महत्व
इस घटनाक्रम को भारत, चीन और रूस के बीच जटिल संबंधों के संदर्भ में देखा जा रहा है. समिट में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने आतंकवाद की निंदा की, लेकिन पाकिस्तान पर इसका वास्तविक असर अभी सवालों के घेरे में है. भारत की बढ़ती भूमिका और अमेरिका के साथ संबंधों को भी इस समिट की राजनीतिक पृष्ठभूमि में समझा जा रहा है.
एससीओ शिखर सम्मेलन में मोदी का रुख क्षेत्रीय स्थिरता और भारत की कूटनीतिक ताकत को मजबूत करने वाला माना जा रहा है. यह साफ संकेत है कि भारत किसी भी हाल में आतंकवाद और पाकिस्तान से जुड़े मसलों पर ढील नहीं देगा.
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