नेपाल में चल रही हिंसा के बीच प्रदर्शनकारियों ने जेलों पर हमला कर दिया. कई जेलों के ताले तोड़ दिए गए और कुल 13,572 कैदी भाग निकले. पुलिस ड्यूटी छोड़कर भाग गई और कैदियों ने इसका फायदा उठाया.
नेपाल में चल रहे Gen-Z प्रदर्शनकारियों के विरोध ने पूरे देश में अफरा-तफरी मचा दी है. प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के इस्तीफे के बाद हालात और बिगड़ गए हैं. सड़कों पर हिंसा हो रही है और पुलिस अपनी ड्यूटी छोड़ चुकी है. इसका फायदा उठाकर नेपाल की अलग-अलग जेलों से 13,000 से ज्यादा कैदी भाग निकले. जेलों के ताले तोड़ दिए गए और कैदी खुलेआम फरार होते दिखे. कई जगह कैदी दीवार फांदकर भागते नजर आए. कहीं प्रदर्शनकारियों ने पत्थरों से जेलों पर हमला किया.
डिल्लीबजार कारागार बाट भाग्दै कैदी#NepalPresspic.twitter.com/JwDpbp4Uwe
— NepalPress (@NepalPressnp) September 10, 2025
किस जेल से कितने कैदी भागे
नेपाल के गृह मंत्रालय और नेपाल पुलिस के सूत्रों के मुताबिक देश की अलग-अलग जेलों से 13572 कैदी फरार हुए हैं. इसमें झुम्पका जेल से 1575 कैदी, नक्कु जेल से 1200 कैदी, दिल्ली बाजार जेल से 1100 कैदी, कास्की जेल से 773 कैदी, चितवन जेल से 700 कैदी, कैलाली जेल से 612 कैदी, जलेश्वर जेल से 576 कैदी, नवलपरासी जेल से 500 से ज्यादा कैदी, सिंदुलीगढी जेल से 471 कैदी, कान्चनपुर जेल से 450 कैदी, गौर जेल से 260 कैदी, दाङ जेल से 124 कैदी, सोलुखुम्बु जेल से 86 कैदी, बाजहाङ जेल से 65 कैदी, जुम्ला जेल से 36 कैदी भाग गए हैं, अन्य जेलों से और पुलिस कस्डटी में मौजूद भी कैदी भाग गए हैं, जिनको मिलाकर कैदी भागने की संख्या 13572 हो गई है.
हालांकि सुरक्षाकर्मियों ने जेल से भागे 34 कैदियों को पकड़ा है, लेकिन बाकी की तलाश अभी जारी है.
भारत के लिए भी चिंता
नेपाल की कई जेल भारत की सीमा के पास हैं. इसलिए ये कैदी सीमा पार कर भारत में घुस सकते हैं. इससे भारत में सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है. भारतीय सेना और सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं.
नेपाल में सैन्य शासन लागू
आपको बता दें कि ओली के इस्तीफे के बाद नेपाल में सैन्य शासन लागू कर दिया गया है. सेना प्रमुख अशोक राज ने प्रदर्शनकारियों से हिंसा छोड़कर बातचीत करने की अपील की है. वहीं अंतरिम सरकार बनाने की चर्चा भी तेज हो गई है. सुशीला कार्की का नाम अंतरिम सरकार के लिए आगे चल रहा है.
नेपाल में इस समय सिर्फ अराजकता का राज है. जेलों से भागे कैदी, पुलिस की लापरवाही और सड़कों पर हो रही हिंसा ने देश की स्थिति को और गंभीर बना दिया है.
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