राजनीतिक संकट के बीच युवाओं के समूह Gen-Z ने सुशीला कार्की को देश की अंतरिम प्रधानमंत्री बनाने का प्रस्ताव दिया है, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया है. उनका भारत से भी गहरा संबंध है, क्योंकि...
नेपाल में हाल ही में राजनीतिक उथल-पुथल के बाद सेना ने सत्ता संभाल ली है. सरकार बनाने और देश की व्यवस्था को सही करने के लिए चर्चा चल रही है. इसी बीच युवाओं के समूह Gen-Z ने वर्चुअल बैठक कर देश की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री बनाने का प्रस्ताव दिया. सुशीला कार्की ने यह प्रस्ताव स्वीकार कर लिया और देश का नेतृत्व करने के लिए तैयार हैं.
क्यों चुना गया सुशीला कार्की को?
बैठक में 5000 से ज्यादा युवाओं ने भाग लिया और सबसे अधिक समर्थन सुशीला कार्की को मिला. युवाओं का कहना है कि वर्तमान स्थिति में कानून और व्यवस्था बनाए रखना सबसे जरूरी है. सुशीला कार्की न्यायप्रिय और निष्पक्ष मानी जाती हैं, इसलिए वे जनता का भरोसा जीत सकती हैं. काठमांडू मेयर बालेंद्र शाह और युवा नेता सागर धकाल का नाम भी चर्चा में आया, लेकिन अंततः युवाओं ने कार्की को सबसे सही विकल्प माना.
#WATCH | Kathmandu | As former Chief Justice Sushila Karki's name comes up as one of the possible candidates to lead the new transitional government in Nepal, a youth says, "This is an interim government. We have given her name to protect democracy in our country." pic.twitter.com/KOR5Jk0zX8
— ANI (@ANI) September 10, 2025
सुशीला कार्की का परिचय
सुशीला कार्की का जन्म 7 जून 1952 को विराटनगर में हुआ. वे सात भाई-बहनों में सबसे बड़ी हैं. उन्होंने भारत में स्थित काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से राजनीति शास्त्र में एमए किया. 1979 में वकालत शुरू की और 2016 में नेपाल की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश बनीं. वे 11 जुलाई 2016 से 7 जून 2017 तक सुप्रीम कोर्ट की प्रमुख रहीं. उन्हें न्यायप्रिय छवि के कारण खूब समर्थन मिला, हालांकि उन पर आरोप भी लगे थे जिन्हें बाद में वापस ले लिया गया.
भारत से संबंध
कार्की ने भारत के काशी हिंदू विश्वविद्यालय से पढ़ाई की थी. इससे भारत-नेपाल संबंधों में मजबूती आने की उम्मीद है. Gen-Z प्रदर्शनकारियों का मानना है कि सुशीला कार्की की नेतृत्व क्षमता देश को संकट से बाहर निकाल सकती है. अगर वे प्रधानमंत्री बनती हैं तो यह नेपाल की राजनीति में एक ऐतिहासिक और प्रेरणादायक कदम होगा.
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