देश भर में बुधवार (27 अगस्त) से गणेश उत्सव बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा है. महाराष्ट्र में यह सबसे बड़ा त्यौहार माना जाता है. इस खास मौके पर मुंबई का सबसे पुराना पंडाल, गणेश गली, हर साल की तरह इस बार भी श्रद्धालुओं की भीड़ से भरा हुआ है. यहां पर गणपति बप्पा विराजमान हो चुके हैं और देर रात से भक्त बप्पा के दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं.
98 साल पुराना है यह पंडाल
आपको बता दें कि गणेश गली का पंडाल 98 साल पुराना है और हर साल नए थीम पर सजाया जाता है. इस बार इसे रामेश्वरम, तमिलनाडु के प्रसिद्ध मंदिर की थीम पर सजाया गया है. इस पंडाल में इस साल 22 फुट ऊंची गणपति मूर्ति विराजमान है. मूर्ति का यह रूप बिल्कुल अलग और आकर्षक है, जिसे देखकर भक्त अत्यंत प्रसन्न हैं.
इस बार बप्पा के आभूषणों ने भी सभी का ध्यान खींचा. बप्पा ने 5 किलो का हार पहन रखा है, जिसकी कीमत लगभग 5 करोड़ रुपए बताई जा रही है. यह पहली बार है जब गणेश गली के बप्पा को इतना बड़ा और भव्य आभूषण पहना हुआ दिखाया गया. इस हार को भक्तों द्वारा दान किए गए सोने से तैयार किया गया है.
सुरक्षा के कड़े इंतजाम
पंडाल के सदस्य बताते हैं कि सुरक्षा व्यवस्था पर इस साल विशेष ध्यान दिया गया है. पंडाल के हर कोने में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं और सुरक्षा गार्ड तथा पुलिस तैनात हैं. सभी कार्यकर्ता भक्तों को सुरक्षित और व्यवस्थित ढंग से दर्शन दिलाने के लिए पूरी तैयारी में हैं.
इसका इतिहास
गणेश गली का इतिहास भी काफी रोचक है. मुंबई के इस पंडाल को लालबाग से भी पहले का माना जाता है. पहले मूर्तिकार दीनानाथ वेली ने 1977 में यहां 22 फुट ऊंची मूर्ति बनाई थी, जो इतनी प्रसिद्ध हुई कि लोग पूरे देश से दर्शन करने आते थे. तभी से गणेश गली मंडल का नाम मुंबई में बड़े सम्मान के साथ लिया जाता है.
भक्तों की संख्या हर साल बढ़ती जा रही है. इस बार भी मुंबई और महाराष्ट्र के अलावा देश के अन्य हिस्सों से श्रद्धालु दर्शन के लिए आए हैं. लोग देर रात से कतार में खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं. श्रद्धालु मोबाइल फोन से बप्पा की तस्वीरें कैद कर रहे हैं और दर्शन के बाद प्रसन्नचित दिखाई दे रहे हैं.
मंडप में इंश्योरेंस की व्यवस्था भी की गई है और सभी व्यवस्थाएं पूरी की गई हैं ताकि उत्सव सुरक्षित और व्यवस्थित तरीके से मनाया जा सके. भक्तों में इस बार भी अपार उत्साह और श्रद्धा देखने को मिल रही है. आने वाले 10 दिनों तक महाराष्ट्र और देश भर में गणेश उत्सव की रौनक ऐसे ही जारी रहेगी.
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