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Why is Ganesh festival celebrated for 10 days Then why is the idol immersed Photograph: (social media)
Ganesh Utsav: सावन आते ही त्योहार की झड़ी लग जाती है और अब गणेश उत्सव आने को है. वैसे तो गणेश उत्सव 10 दिन तक चलता है, जिसकी शुरुआत भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से होती है और समापन अनंत चतुर्दशी पर होता है. मगर, क्या आपने कभी सोचा है कि गणेश उत्सव 10 दिन का ही क्यों मनाया जाता है? इसके पीछे आखिर क्या वजह है? तो आइए आपको इसके पीछे की कहानी के बारे में बताते हैं.
10 दिन तक क्यों मनाया जाता है गणेश उत्सव?
हिंदू मान्यताओं के मुताबिक, माता पार्वती ने चंदन के लेप से गणेश भगवान की रचना की थी. उन्होंने गणेश जी को जीवन दिया. एक दिन नहाते समय माता ने पुत्र गणेश से दरवाजे पर पहरा देने के लिए कहा, जब भगवान शिव लौटे और प्रवेश करना चाहा तो गणेश जी ने उन्हें अंदर जाने से रोक दिया क्योंकि वे भगवान शिव को पहचानते नहीं थे. इससे नाराज होकर भगवान शिव ने गणेश जी का सिर काट दिया.
बाद में शिव जी ने उन्हें दोबारा जीवित करने का वचन दिया और गणेश जी के लिए एक सिर की तलाश में निकल गए. तब उन्होंने काफी घूमने के बाद देखा कि एक हथनी अपने बच्चे की ओर पीठ करके सो रही थी, तभी शिव जी उनके बेटे का सिर काटकर ले आए और गणेश जी के शरीर पर हाथी का सिर लगा दिया.
तभी से हुई 10 दिनों के उत्सव की शुरुआत
तभी से गणेश को विघ्नहर्ता और नए आरंभ का देवता माना जाने लगा. गणेश उत्सव 10 दिनों तक मनाने के पीछे कई कथाएं हैं. ऐसा कहा जाता है कि वेद-व्यास जी ने गणेश भगवान से महाभारत ग्रंथ लिखने की प्रार्थना की. उस दौरान भगवान गणेश ने 10 दिनों तक बिना रुके महाभारत लिख डाली, जिसकी वजह से गणेश जी का तापमान बढ़ गया. तब वेद-व्यास जी ने 10वें दिन उन्हें नदी में स्नान करवाया. यही वजह है कि 10 दिनों तक ये उत्सव मनाया जाता है.
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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
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