/newsnation/media/media_files/2025/08/26/ganesh-chaturthi-2025-2025-08-26-15-42-28.jpg)
Ganesh Chaturthi 2025
Ganesh Chaturthi 2025: भगवान गणेश को बुद्धि, ज्ञान और समृद्धि का देवता माना जाता है. हिंदू धर्म में किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत सबसे पहले गणपति पूजन से की जाती है. वहीं गणेश चतुर्थी का त्योाहार केवल धार्मिक महत्व ही नहीं रखता है. वहीं ये एक ऐसा उत्सव है जो कि आपसी एकता का भी संदेश देता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये त्योहार क्यों मनाया जाता है. आइए आपको बताते हैं कि गणेश चतुर्थी का त्योहार क्यों मनाया जाता है.
गणेश चतुर्थी का महत्व
भगवान गणेश को लेकर दो कथाएं काफी प्रचलित हैं. जिसमें माता पार्वती ने स्नान के समय अपने शरीर के उबटन से गणेश जी को बनाया और उसमें प्राण डालकर, उन्हें दरवाजे पर पहरा देने के लिए खड़ा किया. उसी समय भगवान शिव लौटे और जब गणेश जी ने उन्हें अंदर जाने से रोक दिया तो क्रोधित होकर शिवजी ने गणेश का सिर काट दिया. इससे पार्वती जी बहुत दुखी हो गई.
तब पार्वती जी के दुःख को देखकर शिवजी ने गणेश जी को पुनः जीवित करने का वचन दिया और हाथी का शीश लगाकर गणेश जी को जीवन दान दिया. दूसरी कथा के अनुसार, देवताओं की प्रार्थना पर शिव और पार्वती ने गणेश जी को बनाया ताकि वे राक्षसों के मार्ग में बाधा डाल सकें और देवताओं के लिए शुभ कार्यों में सहयोगी बनें.
भोजन और प्रसाद
गणेश जी की बात चल रही हो और मोदक का नाम ना हो. ऐसा कैसे हो सकता है. वहीं मोदक गणेश जी का प्रिय भोग है. चावल या आटे से बनी ये मिठाई अंदर से गुड़, नारियल और सूखे मेवों से भरी होती है. परंपरा है कि भगवान गणेश को इक्कीस मोदक का भोग लगाया जाता है. इन दिनों में घरों और पंडालों में विभिन्न प्रकार के पकवान भी बनाए जाते हैं लेकिन मोदक का स्वाद हर जगह खास रहता है.
ये भी पढ़ें- इस देश में विराजमान है दुनिया की सबसे ऊंची गणेश प्रतिमा, जानिए क्या है इसकी खासियत
Religion की ऐसी और खबरें पढ़ने के लिए आप न्यूज़ नेशन के धर्म-कर्मसेक्शन के साथ ऐसे ही जुड़े रहिए.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. न्यूज नेशन इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)