जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले से एक दर्दनाक खबर सामने आई है. गुरुवार दोपहर करीब 12:30 बजे चिसोती नामक दूरस्थ पहाड़ी गांव में बादल फट गया. इस घटना में अब तक 52 लोगों के शव बरामद हो चुके हैं, जबकि सैकड़ों लोग अब भी लापता हैं. राहत और बचाव अभियान लगातार जारी है, लेकिन खराब मौसम और भारी मलबे के कारण काम में बड़ी मुश्किलें आ रही हैं.
आपको बता दें कि घटना के समय पास के मचैल माता मंदिर में वार्षिक तीर्थ यात्रा चल रही थी. मंदिर दर्शन के लिए आए सैकड़ों श्रद्धालु तेज बारिश और अचानक आई बाढ़ में फंस गए. बादल फटने से हुए भूस्खलन और मलबे में कई लोग दब गए, जिससे मृतकों की संख्या बढ़ गई.
कई ढांचे बह गए या ध्वस्त हो गए
चिसोती, मचैल माता मंदिर के रास्ते का आखिरी वाहन योग्य स्थान है, जो किश्तवाड़ शहर से लगभग 90 किलोमीटर दूर है. यहां से 8.5 किलोमीटर लंबा पैदल ट्रैक 9500 फीट ऊंचाई पर स्थित मंदिर तक जाता है. बादल फटने के बाद आई बाढ़ में यात्रियों के लिए बने सामुदायिक रसोईघर, दुकानें, सुरक्षा चौकियां और अन्य ढांचे बह गए या पूरी तरह नष्ट हो गए.
बचाव कार्य में सेना और एयरफोर्स भी जुटी
एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस, सेना और स्थानीय लोग बचाव कार्य में लगे हुए हैं. जम्मू स्थित सेना की वाइट नाइट कॉर्प सक्रिय रूप से राहत कार्य कर रही है. एयरफोर्स की टीमों को भी मदद के लिए बुलाया गया है. मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस त्रासदी को देखते हुए 15 अगस्त को होने वाले सभी सांस्कृतिक कार्यक्रम और ‘एट होम’ चाय पार्टी रद्द कर दी है.
परिजनों में भय और चिंता
स्थानीय निवासी फारुख अहमद ने बताया कि उन्होंने पहले कभी इतनी भयानक आपदा नहीं देखी. अस्पतालों में लगातार शव पहुंच रहे हैं, जबकि घायलों के इलाज के लिए मेडिकल स्टाफ की कमी है. लापता लोगों के परिवारजन चिंतित और डरे हुए हैं.
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