Punjab Flood History: पंजाब में बाढ़ का इतिहास, 1955 से लेकर 2025 तक, अब तक कितनी हुई तबाही? देखिए रिपोर्ट

पंजाब इस समय 2025 में कई सालों बाद फिर से भयंकर बाढ़ की चपेट में है. राज्य सरकार ने सभी 23 जिलों को बाढ़ प्रभावित घोषित कर दिया है. अब तक 43 लोगों की मौत हो चुकी है और…

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Deepak Kumar
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पंजाब इस समय 2025 में कई सालों बाद फिर से भयंकर बाढ़ की चपेट में है. राज्य सरकार ने सभी 23 जिलों को बाढ़ प्रभावित घोषित कर दिया है. अब तक 43 लोगों की मौत हो चुकी है और…

पंजाब इस समय 2025 में कई सालों बाद फिर से भयंकर बाढ़ की चपेट में है. यह एक ऐसा राज्य है, जिसने आजादी के बाद से कई बार बाढ़ की मार झेली है. हर बार बाढ़ आने से खेती-बाड़ी, लोगों की जिंदगी और बुनियादी ढांचे को गहरा नुकसान हुआ है. सड़कों, पुलों, घरों और फसलों के तबाह होने से यहां की अर्थव्यवस्था पर भी बुरा असर पड़ा है. आइए जानते हैं कि पंजाब में कब-कब बाढ़ आई और इस दौरान कितना नुकसान हुआ. 

1955 - पहली बड़ी बाढ़

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आजादी के बाद पंजाब में पहली बार बड़ी बाढ़ 1955 में आई थी. उस समय घग्गर और सतलुज नदी का जलस्तर अचानक बढ़ गया था. इस बाढ़ से कई जिले डूब गए और मालवा क्षेत्र को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ. खेतों में लगी फसलें बर्बाद हो गईं और गांवों में जीवन अस्त-व्यस्त हो गया.

1978 - सतलुज और भाखड़ा डैम का कहर

आपको बता दें कि साल 1978 में पंजाब फिर से बाढ़ की चपेट में आया. इस बार कारण था सतलुज नदी का उफान और भाखड़ा डैम से छोड़ा गया अतिरिक्त पानी. बाढ़ का सबसे ज्यादा असर लुधियाना, फिरोजपुर और कपूरथला जिलों में देखा गया. सड़कें, पुल और गांव डूब गए और जनजीवन ठप हो गया.

1988 - सबसे भयानक बाढ़

साल 1988 को पंजाब की सबसे विनाशकारी बाढ़ के रूप में याद किया जाता है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, सिर्फ चार दिनों में 634 मिलीमीटर बारिश हुई और हालात बिगड़ गए. इस बाढ़ में करीब 600 लोगों की मौत हुई, 34 लाख लोग प्रभावित हुए और लगभग 9000 गांव डूब गए. हजारों हेक्टेयर खेती पूरी तरह बर्बाद हो गई.

1993 - बारिश और लैंडस्लाइड का खतरा

पंजाब में साल 1993 में फिर से बाढ़ आई. इस बार सतलुज, रावी और घग्गर नदियां उफान पर थीं. जुलाई महीने की तेज बारिश ने ऊपरी इलाकों में भूस्खलन (लैंडस्लाइड) भी कराया. इस बाढ़ में करीब 350 से 550 लोगों की जान गई और लगभग 12 लाख एकड़ खेती की जमीन बर्बाद हो गई. रेल और सड़क मार्ग पूरी तरह बाधित हो गए.

2019 - 300 गांव प्रभावित

2019 में भी पंजाब में बाढ़ जैसी स्थिति बनी. इस दौरान रोपड़, फिरोजपुर और जालंधर जिलों के 300 गांव प्रभावित हुए. करीब 1.7 लाख एकड़ खेती की जमीन पर बुरा असर पड़ा और किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ा.

2025 - वर्तमान की त्रासदी

अब 2025 में एक बार फिर पंजाब भयंकर बाढ़ से जूझ रहा है. अब तक 43 लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों लोग अपने घर छोड़कर सुरक्षित जगहों पर जाने को मजबूर हैं. राज्य सरकार ने सभी 23 जिलों को बाढ़ प्रभावित घोषित कर दिया है. राहत और बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ की टीमें नावों की मदद से लगातार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रही हैं.

यह स्थिति एक बार फिर दिखाती है कि पंजाब बार-बार बाढ़ की मार झेल रहा है और हर बार इसकी कीमत जनता को अपनी जान, फसल और बुनियादी ढांचे से चुकानी पड़ती है.


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